फंट में धन इकट्ठा करने लिए यहां एक सभा की गई। इम सभा में लाई? . 1 . के बाद राजकीय सुधार भी ज़रूर होता है। अतएव आप मार्थना. समाज के पक्षपाती हैं। और अव्वल नम्बर के सुधारक हैं। आप अपनी हैं। आप जैसा कहते हैं वैसा ही करते भी हैं। एक मर्तबा मापने कर पेश की। जिसमें आपने इतिहास के प्रमाणों द्वारा यह सिद्ध किया' कांग्रेस-चरितावली। गए । यम्बई प्रान्तयासियों ने अपनी ओर से चन्दायरकर को विलायत भेजा। आपने विलायत में जाफर जो व्याख्यान दिए उनको वहां बालों ने यही सावधानी के साथ ध्यान पूर्वक सुना। उन व्याख्यानों से वहां के लोगों को भारत की स्थिति का यहुत कुछ ज्ञान हुआ। इस से वहां के लोगों में भारत के लिए सहानुभूति उत्पन्न हुई और चन्दायरकर ने भी यहां अच्छा नाम पाया। वहां के लोग इस बात को अशी तरह जान गए कि चन्दावरकर महोदय एक बहुत ही अच्छे वक्ता हैं। जब श्राप विलायत से भारत में लौट पाए तय मापने एक किताब अंगरेजी भाषा में लिखी । उस पुस्तक में जो आपने वहां काम किया और आपको जो कुछ अनुभव प्राप्त हुआ उसका संक्षेप से सारा विवरण दिया हुमा है । उस पुस्तक की भाषा और विचार बहुत उत्तम हैं। इस बात की बहुत से अंगरेजों ने भी तारीफ की है। चन्दावरकर महोदय का ध्यान जिस प्रकार राजनैतिक विषय पर है उसी प्रकार सामाजिक सुधार पर भी आप अधिक ध्यान देते हैं। .परन्तु आपकी राय है कि सबसे पहले समाज का सुधार होनाचाहिए। राजनैतिक सुधार उसके पीछे स्वयं होते जायगे। आप का कथन है कि, जिस प्रकार दीपक के आगे प्रकाश होता है उसी प्रकार समाज सुधार जातियांधवों के रीति रवाज सुधारने में बराबर कोशिश करते रहते कानून बनाने वाली सरकारी कौंसल में, एक किताब अंगरेज़ी में लिख कि लोगों की जिस रीति रवाज से, राष्ट्र को हानि पहुंचती हो; ३० रीति रवाज में, राज्याधिकारियों को हस्तपना न्यायानुकूल है। और ऐसा करना बहुत ज़रूरी है। सन् १८८६ में 'लेडी इफ़रन फंह' की स्थापना यम्बई में हुई। उस .
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