पृष्ठ:कांग्रेस-चरितावली.djvu/९६

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मार्थना करते हैं। हमें आशा है कि कभी न कभी आप की प्रार्थना कांग्रेस-धरितायली। खोलने का समाचार प्रगट किया था और इसी प्रकार यम्बई सरकार ने मी सूचना दी थी; परन्तु अय तक उसका नाम निगान कहीं नहीं है। इसी. प्रकार, दरिद्रता भारत में क्यों बढ़ रही है, दिनों दिन भारतवासियों की आमदनी कम क्यों होती जाती है, भारत में चार मार अकाल की पड़ते हैं और सरकार का भारतवासियों के प्रति क्या कर्तव्य है? इन सब घातों की विवेचना प्रापने यही उत्तम प्रकार से की। सच बात तो यो है कि अगर भारत सरकार साल में एक बार भी प्रजा के प्रतिनिधियों द्वारा प्रजा का दुःख सुन लिया करे और उन्हीं के द्वारा बताये हुए मार्न का अबलम्बन करे तो देश की दरिद्रता शीघ्र ही दूर हो जावे, और जिसने कारण, राजा और प्रजा दोनों को मुख प्राप्त हो । राजा और प्रजा दोनों फा सुखी रहना ही देश के लिए कल्याणकारी है। जब तक राजा और मजा दोनों प्रापस में प्रसन्न नहीं रहते तब तक दोनों को दुःख और भय सदैव यना रहता है। देश की भी दशा दिनों दिन खराब होती जाती है। सन् १९०१ में महादेव गोविन्द रानडे बम्बई हाईकोर्ट के जज का देहान्त हो गया । अतएव सरकार ने सस जगह पर चन्दावरकर की योजना की । योग्य पुरुप को सरकार ने भी योग्य मान दिया। प्रजा और राजा दोनों की सुख कामना के लिए आप निरन्तर काम करते हैं। सरकारी काम करने के बाद भाप समाज सुधार का काम भी करते हैं। भारतवर्ष की भलाई के लिए आप सदैव प्रार्थना समाज में ईश्वर से ईश्वर अवश्य स्वीकार करके भारत के को os KIRANJAN AAAA AJA 40A AASAGA A0A