पृष्ठ:काजर की कोठरी.djvu/७६

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76 इन सब बाता की खबर सहाराका अवय वर दना चाहिए। शिवन दन म मिलन हुए महाराज म भी मुला हरनन्दन तोचलि कात कर आवें। राम० अच्छी बात है भीगा नधार १ ग्न के लिए वहता हूँ। मह न पर मानी वा आवाज दी और जब वह इतना कह कर राम पाचवाना पीत्रगानी यार वग्न लिए आ गया तब हुक्म दिया कहो।' हाती रही तर तर नाना दाम्त बाग म टहलते जब तक गाडी तया और बातें करते रह जब मातृम हआ वि गाडी तयार है तय कमरे म नाग और पोशान बदल कर ग से रवाना हा। यहा गए और क्या किया इमके कहने की कोई जरू न नहीं। हा रम जगह पर पाडा मा हाल पारम नाय का जरूर लिखेंगे सन 'न टोना वा राजार म गाड़ी पर सवार जात देखा था और चाहाँ ५ मिनिमारत नाना का मत्यानाश हो जाय तो बेहतर है। । तय करताहलाएगी जगह पहचा हा म बहुत पारसनाय दाजार मिनमिता जारी होता था जोर इन गलिया म नग और गदी गलियो कर मुहान म परचा हा दिन दोपहर के समय भी घूमता हुआ एक उजाड आदमिया को जात डरम तम परता था। यहा पर एक मजबूत मगर पुराना मकान था जिसके दरवाजे पर प'च कर पारसनाथ न कुण्डी पटपटा। भीतर में पूछा गव वाब म घोडी देर बाद किसी न रवा पून पारसनाथ ने कहा मूल पारसार उमर दर चला गया। इस बार द हो गया। समकान की भीतरीमपियन क्यार मकान का दर्वाजा भी बर र त नहीं है ग्यापि हम मुत्तमरी म उ करने की इस समय कोई हित हि जमत पक्ट पर ममा । बाता को बयान करना च न म पारमनारपटास्त और मददगार बट एक लम्ब चौडे दाल म भर र गाज का दम लगा बर मयान का आपुस मे बातें और दो 1 मा म "माग पुराना परिति-रिटामिह मुवासित कर रह थे। इस भी बैठा हुआ था। गौन है? दर्वाजा खुला खुला और