पृष्ठ:कामना.djvu/१२१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
कामना
 


को चौपट कर डाला। वह मुझसे मदिरा माँगता है, और तुम माँगती हो आभूषण।

लड़का-(लेटा हुआ) तुम दोनों कैसे मूर्ख बकवादी हो। एक प्याली देने मे इतनी देर, इतना झंझट।

माता-तुझ-सा निखटू पति मेरे ही भाग्य में-बदा था। मैं यदि-

पिता-हाँ, हाँ, कहो, 'यदि' क्या? यही न कि दूसरे की स्त्री होती, तो गहनों से लद जाती; परंतु उसके साथ पापों से भी-

लड़का-देखो, मुझे एक प्याला दे दो, और एक-एक तुम लोग-बस, झगड़ा मिट जायगा। जो बैल होंगे, आप ही कुछ देर में खेत पर पहुँच जायँगे।

पिता-कुलांगार! यह धृष्टता मुझसे सही न जायगी।

लड़का-तो लो, मैं जाता हूँ। युद्ध में सैनिक बनकर आनंद करूँगा। तुम दोनों के नित्य के झगड़े से तो छुट्टी मिल जायगी। (उठता है)

माता-यह बाप है कि हत्यारा? एक प्याला मदिरा नहीं दे देता। लड़के को मरने के लिए युद्ध में

११६