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पृष्ठ:कायाकल्प.djvu/३९

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[कायाकरप
 

यह उनकी समझ में न पाया । अंधेरे में टटोलते हुए बोले--यह तो उसी विद्या के विषय में कहा ना सकता है, जहाँ अनुम न से काम न लिया जाय । ज्योतिष में बहुत-कुछ पूर्व अनुभव और अनुमान हो से काम लिया जाता है।

ठाकुर--बस, ठीक यही मेरा विचार है । अगर ज्योतिप मुझे धनी बतलाये, तो यह आवश्यक नहीं कि मैं धनी हो जाऊँ । ज्योतिप के धनी कहने पर भी सम्भव है कि मैं निन्दगी भर कौड़ियों को मुहताज रहूँ । इमी भाँति ज्योतिष का दरिद्र लक्ष्मी का कृपा पात्र भी हो सकता है, क्यों ?

मुशीजी को अब भी पॉव जमाने को भूमि न मिली । सन्दिग्ध भाव से बोले-हाँ, ज्योतिष की धारणा जब अनुष्ठानों से बदली जा सकती है, तो उसे विधि का लेख क्यों समझा जाय ?

ठाकुर साहब ने बड़ी उत्सुकता से पूछा- अनुष्ठानों पर श्रापका विश्वास है ?

मुशीजीको जमीन मिल गयी । बोले-~अवश्य ।

विशालसिह यह तो जानते थे कि अनुराना से शकायों का निवारण होता है । शनि, राहु ग्रादि का शमन करने के अनुशनों से परिचित थे । बहुत दिनो से मगल का व्रत भी रखते थे, लेकिन इन अनुराना पर अन उन्हें विश्वास न था । वह कोई ऐसा अनुष्ठान करना चाहते थे जो किसी तरद निष्फल ही न हो | बोले- यदि यार यहाँ के किसी विद्वान् ज्योतिषी से परिचित हों, तो कृपा करके उन्हें मेरे यहाँ भेज दोजि एगा । मुझे एक विषय में उनसे कुछ पूछना है ।

मुशी-अाज ही लीजिए, यहाँ एक से एक बढकर ज्योतिषी पड़े हुए हैं। श्राप.मुझे कोई गैर न समझिए । जब, जिस काम को इच्छा हा, मुझे कहला भेजिए ।.सिर के बल दौड़ा श्राऊँगा। बाजार से काई अच्छी चीज मॅगानी हो, मुझे हुक्म दीजिए, किसी वैद्य या हकीम की जरूरत हो, मुझे सूचना दीजिए। मैं तो जैसे महारानीनी को समझता हूँ, वैसे ही श्रापको भी समझता हूँ।

ठाकुर-मुझे श्रापसे ऐसी ही श्राशा है। जरा रानी साहबा का कुशल-समाचार जल्द जल्द भेजिएगा। वहाँ अापके सिवा मेग और कोई नहीं है । श्राप ही के ऊपर मेरा भरोसा है । जरा देखिएगा, कोई चीज इधर उधर न होने पाये, यार लोग नोच-खसोट न शुरू कर दें।

मुशी-आप इससे निश्चिन्त रहें । मैं देख भाल करता रहूँगा।

ठाकुर-हो सके, तो जर( यह भी पता लगाइएगा कि रानी ने कहाँ-कहाँ से कितने रुपये कर्ज लिये हैं।

मुशी-समझ गया, यह तो सहज ही में मालूम हो सकता है।

ठाकुर-- जरा इसका भी पता लगाइएगा कि याजकल उनका भोजन कौन बनाता है। पहले तो उनके मैके ही की कोई स्त्री थी। मालूम नहीं, अब भी वही बनाती है, या कोई दूसरा रसोइया रखा गया है ।