पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/२१०

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श्रम-प्रक्रिया और अतिरिक्त मूल्य पैदा करने की प्रक्रिया २०७ - पैदा करने के लिए उसमें मिला दिया जाता है, जैसे क्लोरीन मिलाकर कपड़े को सच किया पाता है, कोयला नोहे में मिलाया जाता है और रंग उन में। या, इसी तरह, सहायक पर काम करने में भी मददगार हो सकता है, से वर्कशाप को गरम रखने और उसमें प्रकाश करने के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री काम करने में मदद देती है। वास्तविक रासायनिक उद्योग में प्रधान तत्व और सहायक का भेद मिट जाता है, क्योंकि ऐसे उद्योगों में कोई सा भी कच्चा माल अपनी पुरानी बनावट के साथ पैदावार के प्रब्य में पुनः प्रकट नहीं होता। प्रत्येक वस्तु में अनेक गुण होते हैं, और इसलिए उसके भिन्न-भिन्न डंग के उपयोग किये जा सकते हैं। पुनाचे, एक पैदावार कई बहुत ही अलग-अलग किस्म की प्रक्यिानों में कच्चे माल का काम कर सकती है। मिसाल के लिए, अनाज पाटा पीसने वालों, स्टार्य बनाने वालों, शराबींचने वालों और होर पालने वालों के काम में पाता है। इसके साथ-साथ वह बीच की शकल में पर अपने उत्पादन में भी कच्चे माल की तरह भाग लेता है। इसी तरह कोयला सान से कोयला निकालने के उद्योग की पैदावार भी है और उसमें उत्पादन के साधन का भी काम करता है। फिर यह भी मुमकिन है कि कोई खास पैराबार एक ही प्रक्रिया में श्रम के प्राचार की तरह भी इस्तेमाल की जाये और कच्चे माल की तरह भी। मिसाल के लिए, डोरों को खिला-पिलाकर मोटा करने की क्रिया को लीजिये। उसमें जानवर कच्चे माल का काम करता है और साथ ही साद पैदा करने के प्राचार के रूप में भी काम में माता है। सम्भव है कि कोई पैदावार तुरन्त उपयोग के लिए तैयार होते हुए भी किसी और पैदावार के कच्चे माल का काम करे, जैसे कि अंगूर, जब वे शराब के लिए कच्चे माल का काम करते हैं। दूसरी ओर, मुमकिन है कि मम अपनी पैदावार हमें ऐसे रूप में है, जिसमें हम उसका केवल कच्चे माल की तरह ही इस्तेमाल कर सकें। कपास, पागा और सूत इसकी मिसालें हैं। इस तरह के कच्चे माल को, पुर पैदावार होते हुए भी, मुमकिन है कि अलग- अलग प्रक्रियाओं के एक पूरे कम से गुजरना पड़े। इनमें से प्रत्येक प्रक्रिया में वह बारी-बारी से और लगातार बबलते हुए म में उस बात तक कच्चे माल का काम करता जाता है, जब तक कि कम की अन्तिम प्रक्रिया उसे मुकम्मिल पैदावार नहीं बना देती। इस रूप में यह व्यक्तिगत उपभोग के लिए या श्रम के प्राचार की तरह इस्तेमाल में पाने के लिए तैयार हो . . . . . इस तरह हम देखते हैं कि किसी उपयोग-मूल्य को कच्चा माल समझा जाये, या भम का प्रोवार माना जावे, या उसे पैदावार कहा जाये, यह पूर्णतया इस बात से निश्चित होता है कि यह उपयोग मूल्य मान-प्रणिया में क्या कार्य करता है और उसमें उसकी या स्थिति होती है। स्थिति के बदलने के साप-साथ उसका स्वम्म भी बबल बाता है। इसलिए जब कभी कोई पैदावार उत्पादन के साधन के रूप में किसी नयी भम-प्रक्रिया में प्रवेश करती है, तब ऐसा करके वह पैदावार काम खो देती है और मम-प्रक्रिया का एक स्तिो ने सच्चे कच्चे मालों को "Matteres" और यक सामग्री को "Materiaux" कहा है। (H. Storch, "Cours Economie Politique", Paris, 1815, बण १, अध्याय ६, भाग २, पृ० २८८1) पेरलियेष ने सहायकों को "matteres instrumentales" का नाम farat 1 (Cherbuliez, “Richesse ou Pawarete", Paris, 1841, go 981)