पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/२८४

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काम का दिन २८१ का गोलमाल करने वाले प्रोतेगोरस से भी अधिक बलता के साथ सफेद को काला और काले को सफेद कर सकते हैं और एलियाटिक्स से भी अधिक कुशलता के साथ ad oculos (पापकी प्रांतों के सामने ही) यह प्रमाणित कर सकते हैं कि दुनिया में हर बीच महल विसावटी होती है। बहरहाल, इस समिति ने जनता का ध्यान उस रोटी की मोर, जिसे वह रोख जाती पी, और रोटी बनाने के व्यवसाय की मोरीचा पा। उसके साथ-साथ लन्दन के रोटी बनाने वाले कारीगरों ने सार्वजनिक सभानों के बरिये और संसद को बरखास्तें भेजकर इस बात का शोर मचाया कि उनके मालिक लोग उनसे बहुत ज्यादा काम लेते हैं, इत्यादि। यह शोर इतना बोरदार था कि मि. एच. एस. मेनहीर को, जो १८६३ के उस कमीशन के सदस्य थे, जिसका पहले भी कई बार विकमा चुका है, इस मामले की जांच करने के लिए शाही जांच कमिश्नर नियुक्त कर दिया गया। उनकी रिपोर्ट का तथा उन बयानों का, जो उनके सामने दिये गये थे, जनता के दिल पर भले ही कोई असर न पड़ा हो, पर उसके पेट में जरूर खलबली मच गयी। अंग्रेस को अपनी बाइबल का सदा अच्छा ज्ञान होता है, और उसे यह खूब मालूम था कि जब तक मादमी भगवान की बया से किसी पूंजीपति, सीवार या बैठे-बिठाये मोटी तनखाह मारने वाले के घर में पैदा नहीं होता, तब तक उसे हमेशा अपनी मेहनत और पसीने की रोटी खानी पड़ती है। मगर उसे यह मालूम नहीं था कि यदि फिटकरी, रेत और अन्य जायकेदार खनिज पदायों की गिनती न भी की जाये, तो भी उसे हर रोज अपनी रोटी में फोड़ों का मवाद, भावमी का पसीना, मकड़ी के जाले, मरे हुए तिलचटे पौर सड़ा हुमा जर्मन खमीर जाना पड़ता है। चुनाचे परम पावन स्वतंत्र व्यापार का कोई खयाल न करके रोटी बनाने का स्वतन्त्र व्यवसाय राजकीय इंस्पेक्टरों के निरीक्षण में रख दिया गया (यह निश्चय संसद के १८६३ के अधिवेशन के बन्द होने के समय हुमा) और संसद के इसी कानून के जरिये रात के ९ बजे से सुबह के ५ बजे तक १८ वर्ष से कम उम्र के रोटी बनाने . . . 'फ्रांसीसी रसायनज्ञ चेवल्ये ने मालों के "गोलमाल" से सम्बंध रखने वाली अपनी रचना में जिन ६०० या उससे अधिक वस्तुओं पर विचार किया है, उनमें से अधिकतर में उसने मिलावट के दस-दस , बीस-बीस और तीस-तीस अलग-अलग तरीके गिनाये हैं। साथ ही उसने यह भी लिख दिया है कि उसे सब तरीकों की जानकारी नहीं है और न ही उसने उन सब तरीकों का जिक्र किया है, जिनको वह जानता है। उसने चीनी में मिलावट के ६ तरीके, जैतून के तेल में ६, मक्खन में १०, नमक में १२, दूध में १९, रोटी में २०, ब्रांडी में २३, पाटे में २४, चाकलेट में २८, शराब में ३० और काफ़ी में मिलावट करने के ३२ तरीके बताये हैं, इत्यादि । यहां तक कि खुद सर्वशक्तिमान परमेश्वर भी इस मुसीबत से नहीं बच पाया है। स्पदं दे कार्द की रचना 'धार्मिक अनुष्ठानों की सामग्री में मिलावट करने i fare it' (Rouard de Card, “De la falsification des substances sacramente- lles", Paris, 1856) देखिये। 8 “Report, &c., relative to the grievances complained of by the journeymen bakers, &c., London, 1862" ('रोटी बनाने वाले कारीगरों की शिकायतों मादि के बारे में रिपोर्ट, इत्यादि, लन्दन, १८६२) और "Second Report, &c., London, 1863" ('दूसरी रिपोर्ट, इत्यादि, लन्दन, १८६३')।