२९२ पूंजीवादी उत्पादन 4 "3 प्रमिया के चौबीसों घण्टे जारी रहने से काम के सामान्य दिन की सीमाओं का प्रतिक्रमण करने की बड़ी सुविधा हो जाती है। मिसाल के लिये, उद्योग की जिन शाखामों का ऊपर विक किया गया है और जिनमें मजदूरों को बहुत थका देने वाला काम करना पड़ता है, उनमें रस्मी तौर पर हर मजदूर के लिये काम के बिन का यह मतलब होता है कि उसे या तो दिन को और या रात को बारह घन्टे काम करना चाहिए। परन्तु असल में उसे अक्सर इससे कहीं ज्यादा काम करना पड़ता है। इंगलैड की एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार बहुत से उद्योगों में इस बीच ने "सचमुच रावना" ("truly fearful") प धारण कर लिया है।' इसी रिपोर्ट में प्रागे लिखा है : “निम्नलिखित अंशों में जिस काम का वर्णन किया गया है, बहुत अधिक मात्रा में वह काम ९ वर्ष से लेकर १२ वर्ष तक की मायु के लड़कों को करना पड़ता है. यह एक बार समझ लेने के बाद हर पावमी लालिमी तौर पर इसी नतीचे पर पहुंचेगा कि माता-पिता और मालिकों की शक्ति का ऐसा दुरुपयोग अब और जारी नहीं रहने दिया जा सकता। "यदि लड़कों से बारी-बारी से दिन में और रात में काम लेने की प्रथा तनिक भी पारी हो जाती है, तो चाहे सामान्य रूप से इसका उपयोग किया जाये और चाहे किसी विशेष पावश्यकता के समय, उसका अनिवार्य रूप से यह परिणाम होता है कि लड़के अक्सर हद से ज्यादा देर तक काम करते रहते हैं। कुछ जगहों में तो उनको इतनी ज्यादा देर तक काम करना पड़ता है, जो बच्चों के प्रति न केवल निर्दयता की बात है, बल्कि जिसके बारे में विश्वास तक करना कठिन है। अनेक लड़कों में से दो-एक, जाहिर है, किसी न किसी कारण से अक्सर प्रेर-हाविर रहते हैं। जब यह होता है, तो उनका स्थान एक या अधिक लड़के ले लेते हैं, जो एक के बाद दूसरी पाली में भी काम करते हैं। यह बात कि यह एक जानी-मानी हुई प्रणाली है...एक बड़ी रोलिंग-मिल के मैनेजर के उत्तर से स्पष्ट हो गयी। मैंने उससे पूछा कि दिन-पाली या रात-पाली में वो लड़के अनुपस्थित रहते हैं, उनके स्थान पर कौन काम करता है? उसने जवाब दिया : " मेरा खयाल है कि यह बात तो पापको भी उतनी ही अच्छी तरह मालूम होगी, जितनी मुले।" और यह कहकर उसने असलियत तसलीम कर ली। 'एक रोलिंग-मिल में, जहां काम का नियत समय सुबह ६ बजे से शाम के ५ बजे तक बा, एक लड़का हर हफ्ते लगभग चार दिन रात के कम से कम बजे तक काम करता था...और छ: महीने तक यही स्थिति चलती रही। एक दूसरा लड़का, जब उसकी उम्र १ बरस की पी, तो वह कभी-कभी बारह बारह घण्टे की तीन पालियों तक लगातार काम करता चला जाता था, और १० वर्ष का हो जाने पर वह कभी-कभी दो दिन और दो रात तक लगातार काम करता रहता था।" एक तीसरा लड़का है, "जिसकी उन अब १० वर्ष है... बह हाते में तीन दिन सुबह ६ बजे से रात के १२ बजे तक काम करता था और तीन दिन रात केर बजे तक। 'एक और लड़का है, जिसकी उन प्रब १३ वर्ष की है...बह पूरे एक . 11 46 , 'उप० . पु., ५७, पृ. XI (बारह)। 'उप. पु., "Fourth Report (1865)" ['चौथी रिपोर्ट (१८६५)'], ५८, पृ. XI (बारह.)। उप. पु०॥ 3
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