पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/२९८

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काम का दिन २९५ - मेसर्स नेलर एक विकर्स इस्पात तयार करते हैं। उनके यहाँ ६०० पोर ७०० के बीच भावमी काम करते हैं। उनमें से केवल १० प्रतिशत की उन्न १८ वर्ष से कम है, और इनमें से भी केवल २० लड़के रात को काम करते हैं। मेसर्स नेलर एप विकर्स ने इस प्रणाली के बारे में अपने विचार इस प्रकार प्रकट किये हैं: "लड़कों को गरमी से कोई तकलीफ नहीं होती। तापमान शायर ८६° से ९०° तक रहता है... भट्टी-बाने और रोलिंग-मिल में मजदूर पाली-पाली से दिन-रात काम करते रहते हैं, पर बाकी सब विभागों में दिन में, पानी सुबह ६ बजे से शाम के ६ बजे तक, काम होता है। भट्टी-खाने में काम का समय १२ से १२ तक है। कुछ मजदूरों को सदा रात में ही काम करना पड़ता है। उनकी पाली नहीं बदलती... जो लोग नियमित रूप से रात में काम करते हैं, उनका स्वास्थ्य उन लोगों से किसी तरह बुरा नहीं है, बो दिन में काम करते हैं। और सम्भवतः यदि लोगों का कुट्टी का समय एक सा रहता है और उसमें बारबार परिवर्तन नहीं होता, तो प्यावा मच्छी नींद सो सकते हैं... १८ वर्ष से कम उम्र के करीब २० लड़के रात को पालियों में काम करते हैं... १८ वर्ष से कम उम्र के इन लड़कों से रात को काम कराये पर शायद हमारा काम नहीं चल सकता। उनसे रात को काम न लेने के खिलाफ ऐतराव यह होगा कि उत्पादन का खर्चा बढ़ जायेगा... हर विभाग के लिये निपुण मजदूर और फोरमन बहुत मुश्किल से मिलते हैं, मगर लड़के किसी भी संख्या में मिल सकते हैं... लेकिन हमारे यहां लड़कों का अनुपात इतना कम है कि यह विषय (अर्थात् रात के काम पर प्रतिबंध लगाने का विषय ) हमारे लिये कोई दिलचस्पी या महत्व नहीं रखता। मेसर्स जान बाउन एण कम्पनी का एक इस्पात और लोहे का कारखाना है, जिसमें करीब ३,००० मई और लड़के काम करते हैं। इसका कुछ काम, पानी लोहे का काम तथा इस्पात का स्थान भारी काम दिन-रात पालियों में होता है। इस फर्म के एक हिस्सेदार, मि. जे. एलिस का कहना है कि "इस्पात के स्यावा भारी काम के लिये हर दो प्रारमियों पर एक या दो लड़के नौकर रखे जाते हैं।" इस कम्पनी ने १८ वर्ष से कम उम्र के ५०० से स्थावा लड़कों को नौकर रख रखा है, जिनमें से लगभग एक तिहाई-पानी १७०-की उन्न १३ वर्ष से भी कम है। बालकों को नौकर रखने के सम्बंध में कानून में वो परिवर्तन करने का प्रस्ताव किया जा रहा था, उसके विषय में मि० एलिस ने कहा: "यदि कोई इस तरह का नियम बना दिया जाये कि १८ वर्ष से कम उम्र का कोई व्यक्ति २४ घण्टे में १२ घण्टे से स्थावा काम नहीं कर सकता, तो मुझे इसमें कोई बहुत मापत्तिजनक बात प्रतीत नहीं होगी। लेकिन हमारी राय में १२ वर्ष की उन के ऊपर कोई रेखा खींचकर यह नहीं कहा जा सकता कि इससे कम उम्र के लड़कों से रात को कान न लिया जाये। जो लड़के हमारे यहां नौकर हैं उनसे रात को काम न लेने की अपेक्षा तो हम यह बेहतर समझेंगे कि १३ वर्ष से कम उम्र के, या यहां तक कि १४ पर्व के कम उम्र के लड़कों को नौकर रखने पर ही रोक लगा दी बाये। वो लड़के दिन-पाली में काम करते हैं, उनको अपनी बारी माने पर रात-पाली में भी काम करना होगा, क्योंकि मई लोग सदा रात को काम नहीं कर सकते, उससे उनकी तन्दुरुस्ती खराब हो जायेगी... लेकिन हमारे विचार से, हर दूसरे हफ्ते में रात को काम m . 1 «Fourth Report, &c., 1865" ('tit foute, fuifa, xVI (सोलह)। १८६५'), ७९, पृ.