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पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/३५६

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अतिरिक्त मूल्य की दर और अतिरिक्त मूल्य की राशि ३५३ . नहीं करतीं, वे पूंजीपति को "महज नुकसान ("a mere loss") पहुंचाती है। इसलिये, यदि किसी के पास भट्ठियां और वर्कशाप है, तो फिर उसका मेहनत करने वालों के रात के श्रम पर कानूनी दावा हो जाता है। जब मुद्रा का उत्पादन की प्रक्रिया के भौतिक उपकरणों में, अर्थात् उत्पादन के साधनों में, स्पान्तरण हो जाता है, तो उत्पावन के साधन दूसरे लोगों के श्रम तथा अतिरिक्त मम पर स्वत्व और अधिकार के सूचक बन जाते हैं। अन्त में एक उदाहरण से स्पष्ट हो जायेगा कि विकृतीकरण की यह किया, जो पूंजीवादी उत्पादन का एक विशिष्ट गुण और खास विशेषता है, मृत और जीवित श्रम का सम्बंध, मूल्य और मूल्य का सृजन करने वाली शक्ति का सम्बंध एकदम उलट देना पूंजीपतियों की चेतना में किस प्रकार प्रतिविम्बित होता है। १८४८ और १८५० के बीच इंगलैण के कल-कारखानों के मालिकों के विद्रोह के दिनों में "स्कोटलण के पश्चिमी भाग की एक सब से पुरानी और प्रतिष्ठित फर्म - मैसर्स कारलाइल सन्स एड कम्पनी-के, जिसका पैसले में सन का तथा सूती धागा तैयार करने वाला एक कारखाना था और जिस कम्पनी को कायम हुए प्रब करीब-करीब एक सदी होने को प्रायी थी, जो १७५२ से काम कर रही थी और जिसका एक ही खानदान की चार पीढ़ियां संचालन कर चुकी थीं,- इस कम्पनी के अध्यक्ष" का, इस "प्रत्यन्त बुद्धिमान भद्र पुरुष" का "Glasgow Daily Mail के २५ अप्रैल १८४९ के अंक में एक पत्र प्रकाशित किया गया था। पत्र का शीर्षक था: "The relay system ('पालियों को प्रणाली')। अन्य बातों के अलावा बेतुकेपन की हद तक भोलेपन से भरा यह अंश भी इस पत्र में पाः “अब हम इस पर विचार करें...कि यदि फ़ैक्टरी के काम करने पर १० घण्टे की सीमा लगा दी गयी, तो कैसी-कैसी बुराइयां पैदा हो जायेंगी... ऐसा करने से मिल-मालिक को समृद्धि और उसके भविष्य को कड़ी हानि पहुंचेगी। यदि वह (यानी, उसका मजदूर) पहले १२ घण्टे काम करता था और अब केवल १० घण्टे काम कर सकता है, तो उसके कारखाने में लगी हुई हर १२ मशीनें या तकुए मानो सिकुड़कर केवल १० मशीनें या ng Tatran (“then every 12 machines or spindles in his establishment shrink to 10"), और यदि उसका कारखाना बेचा गया, तो उसकी कीमत केवल १० मशीनों के प्राचार पर लगायी जायेगी और इस तरह देश के प्रत्येक कारखाने के मूल्य में से उसका छठा भाग - घट जायेगा। पश्चिमी स्कोटलग के इस पूंजीवादी मस्तिष्क ने "चार पीढ़ियों" के संचित पूंजीवावी गुण विरासत में पाये हैं। उसके लिये उत्पादन के साधनों, तकुमों मादि का मूल्य पूंजी के रूप में उनके 1 "Reports of Insp. of Fact., April 30th, 1849" ($92fcut a spectŤ A रिपोर्ट, ३० अप्रैल १९४६'), पृ. ५६ । 'उप० पु., पृ० ६०। फैक्टरी-इंस्पेक्टर स्टुअर्ट ने, जो खुद स्कोटलैण्डवासी हैं और जो अंग्रेज फैक्टरी-इंस्पेक्टरों से भिन्न सोचने के पूंजीवादी ढंग से बहुत प्रभावित हैं, इस पत्र को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है और उसपर टिप्पणी करते हुए कहा है कि "पालियों की प्रणाली का प्रयोग करने वाले किसी भी मिल-मालिक ने उसी व्यवसाय में लगे अपने सहयोगी मिल-मालिकों को कभी इतनी उपयोगी सूचना नहीं दी थी, जितनी में दी गयी है। जिन मिल-मालिकों को अपने कारखानों में काम के घण्टों की व्ववस्था को बदलने में हिचकिचाहट होती है, उनके पूर्वग्रहों को दूर करने में यह पत्न सब से अधिक सफल हो सकता है।" 23-45 .