पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/३९

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भूमिका . - . इस अनुवाद में हमने जिस तीसरे जर्मन संस्करण को बराबर अपना प्राधार बनाया है, उसे मैने, लेखक नो . नोट छोड़ गये थे, उनकी मदद से १८८३ में तैयार किया था। मोटों में मास ने बताया था कि दूसरे संस्करण के किन अंशों को १८७३ में प्रकाशित फांसीसी संस्करण के किन अंशों से बदल दिया जाये। इस प्रकार दूसरे संस्करण के पाठ में वो परिवर्तन किये गये, पाम तौर पर उन परिवर्तनों से मेल खाते थे, जिनके बारे में मास कुछ हस्तलिखित हिदायतें छोड़ गये हैं। ये हिदायतें उन्होंने उस अंग्रेजी अनुवाद के सम्बंध में बी थीं, जिसकी योजना लगभग बस वर्ष पहले अमरीका में बनायी गयी थी, मगर जिसका विचार मुख्यतया एक योग्य और समर्थ अनुवादक के प्रभाव के कारण बाब में छोड़ दिया गया था। इन हिदायतों की हस्तलिपि हमें अपने पुराने मित्र, होबोकेन, न्यूनी, के निवासी मि० एम० ए० सोगें से प्राप्त हुई थी। उसमें फांसीसी संस्करण से कुछ और अंश लेने की भी बात थी, मगर चूंकि ये हिदायतें मास की उन माजिरी हिदायतों से बहुत पुरानी थी, जो वह तीसरे संस्करण के लिये छोड़ गये थे, इसलिये मैंने यह उचित नहीं समझा कि कुछ खास अंशों को छोड़कर मैं माम तौर पर उनका इस्तेमाल करूं। खास तौर पर मैंने उन जगहों पर इन हिदायतों का इस्तेमाल किया है, जहां उनसे कुछ कठिनाइयों को हल करने में मदद मिली है। इसी प्रकार अधिकतर कठिन अंशों के सम्बन्ध में फांसीसी पाठ से भी यह मालूम करने में मदद ली गयी है कि अनुवाद करने में जहां कहीं मूल पाठ के सम्पूर्ण अर्थ का एक अंश छोड़ देना जरूरी हुआ है, वहाँ बुर लेखक क्या छोड़ देना उचित समझते. थे। किन्तु एक कठिनाई ऐसी है, जिससे हम पाठक को नहीं बचा सके। इस पुस्तक में कुछ पारिभाषिक शब्दों का प्रयोग ऐसे प्रयों में हुमा है, जो न केवल साधारण जीवन , बल्कि साधारण प्रशास्त्र के प्रयों से भी भिन्न हैं। लेकिन इस कठिनाई से बचना सम्भव न था। किसी भी विज्ञान का अब कोई नया पहलू सामने पाता है, तो उस विज्ञान के परिभाषिक शब्दों में भी एक इनकिलाब हो जाता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण रसायन-विज्ञान है, जिसमें लगभग हर बीस साल के बाद पूरी शब्दावली एक बार मौलिक रूप से बदल जाती है और जिसमें शायद ही मापको एक भी ऐसा कार्बनिक यौगिक मिलेगा, जिसका नाम अभी तक अनेक बार न बदल चुका हो। पर्षशास्त्र ने पाम तौर पर व्यापारिक एवं प्रौद्योगिक बीवन के पारिभाषिक शब्दों को व्यों का त्यों इस्तेमाल करके सन्तोष कर लिया है। वह यह देखने में बिल्कुल असमर्थ रहा है कि ऐसा करके उसने अपने पापको उन विचारों के संकुचित दायरे में बन कर लिया है, जिनको ये पारिभाषिक मन व्यक्त करते हैं। इस प्रकार, यह बात अच्छी तरह स्पष्ट होते हुए भी कि मुनाफा और लगान दोनों ही मजदूर की पैदावार के उस हिस्से के टुकड़े या अंश मात्र है, जिसकी उसे उबरत नहीं मिलती और जिसको उसे अपने मालिक को दे देना पड़ता है (क्योंकि सबसे पहले उसका मालिक उसे पाता है, हालांकि वह उसका अन्तिम. और एकमात्र स्वामी नहीं रहता), फिर भी प्रामाणिक प्रशास्त्र मुनाने और लगान की दूसरों से ली हुईइन परिकल्पनामों से कमी मागे नहीं बढ़ा और उसने पैदावार के इस हिस्से पर, जिसकी मजदूर . 1 "Le Capital”, par Karl Marx. Traduction de M. J. Roy, entièrement re- vishe par l'auteur. Paris. Lachatre. इस अनुवाद में, खासकर पुस्तक के बाद वाले हिस्से में, दूसरे जर्मन संस्करण के पाठ में काफ़ी परिवर्तन कर दिये गये हैं और कुछ नये अंश जोड़ दिये गये है।