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पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/४९६

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मशीनें और माधुनिक उद्योग ४६३ . इस तरह, १८६१ और १८६८ के बीच ३३८ सूती फैक्टरियां गायब हो गयीं। दूसरे शब्दों में, पहले से बड़े पैमाने की अधिक उत्पादक मशीनें पूंजीपतियों की पहले से छोटी संख्या के हाथों में केनित हो गयीं। शक्ति से चलने वाले करघों की संख्या में २०,६६३ की कमी मा गयी। लेकिन इसी काल में चूंकि उनकी पैदावार पहले से बढ़ गयी, इसलिये इसका यही मतलब है कि सुघरे हुए करघे के द्वारा पुराने करघे की अपेक्षा अधिक पैदावार होने लगी होगी। अन्तिम बात यह है कि कुमों की संख्या में तो १६,१२,५४१ की वृद्धि हो गयी, पर मजदूरों की संख्या में ५०,५०५ की कमी मा गयी। कपास के संकट ने मजदूरों पर जो "प्रस्थापी" मुसीबत डायी थी, वह मशीनों की तेव एवं अनवरत प्रगति के फलस्वरूप और भी बढ़ गयी और प्रस्थायी से स्थायी मुसीबत बन गयी। परन्तु मशीनें न केवल मजदूर के एक प्रतिद्वन्दी का ही काम करती है, जो मजदूर को परास्त कर देता है और जो उसे सदा बेकार बना देने पर तुला रहता है, वे मजदूर से और रखने वाली एक शक्ति का भी काम करती हैं। पूंची ढोल पीटकर इस बात का ऐलान और इसी रूप में मशीनों का उपयोग किया करती है। हड़तालों को, पूंजी के निरंकुश शासन के खिलाफ मजदूर वर्ग के समय-समय पर फूट पड़ने वाले उन विद्रोहों को कुचलने का सबसे शक्तिशाली अस्त्र मशीनें होती हैं। गैस्केल का कहना है कि भाप का इंजन शुरू से ही मानव-शक्ति का बैरी था। इसी बैरी के कारण पूंजीपति उन मजदूरों की बढ़ती हुई मांगों को अपने पैरों तले कुचलने में सफल हुमा, जिनसे नवजात कैक्टरी-व्यवस्था के लिये संकट का खतरा पैदा हो गया था।' १८३० के बाद से माग तक पूंजी के हाथ में मजदूर-वर्ग के विद्रोहों को कुचलने के प्रस्त्र देने के एकमात्र उद्देश्य से कुल जितने प्राविकार हुए हैं, उनका एक अच्छा-खासा इतिहास तैयार किया जा सकता है। इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण माविष्कार self-acting mule (स्वचालित म्यूल) का है, क्योंकि उसने स्वचालित यंत्र-व्यवस्था के इतिहास में एक नये युग का श्रीगणेश किया था।' भाप से चलने वाले हचौड़े के आविष्कारक नाचमिव ने मशीनों में वो सुधार किये थे, के १८५१ की इंजीनियरों की व्यापक और लम्बी हरतालों के फलस्वरूप व्यवहार में पाये थे। नामिव ने इन सुधारों के विषय में Trades' Union Commission (दूर यूनियन कमीशन) के सामने यह बयान दिया था: "हमारे प्राधुनिक यांत्रिक सुधारों की खास विशेषता यह है कि स्वचालित पोचारों वाली मशीनों का प्रयोग होने लगा है। अब यांत्रिक काम करने वाले प्रत्येक मजबूर को जैसा काम करना पड़ता है, वह एक लड़का भी कर सकता है। अब . 1"बलोन-फ्लिंट कांच की बोतलें बनाने के व्यवसाय में मालिक और मजदूर का सम्बंध एक बराबर जारी रहने वाली हड़ताल के समान होता है।" इसी कारण प्रेस्ड कांच के निर्माण को बहुत बढ़ावा मिला है, जिसमें मुख्य क्रियाएं मशीनों के द्वारा सम्पन्न होती है। न्यूकैसल की एक फर्म जो पहले ३,५०,००० पौण्ड फ्लिंट कांच तैयार किया करती थी, अब उसके स्थान पर ३०,००,५०० पौण्ड प्रेस कांच तैयार करती है। ("Ch. Empl. Comm. Fourth Rep., 1865" ['बाल-सेवायोजन पायोग की चौथी रिपोर्ट, १९६५'], पृ० २६२-२६३ । ) • Gaskell, “The Manufacturing Population of England" (गैस्केल , कारखानों में काम करने वाली इंगलैण्ड की पावादी'), London, 1833, पृ० ३,४। 'डब्ल्यू • फेयरवेन ने मशीनों के निर्माण में मशीनों के उपयोग के कई महत्वपूर्ण ढंग निकाले थे। इसका कारण यह था कि खुद उसकी अपनी वर्कशाप में कई हड़तालें हो चुकी थीं। .