मशीनें और प्राधुनिक उद्योग ५०१ इसलिये, जैसे-जैसे किसी उद्योग में मशीनों के उपयोग का विस्तार होता जाता है, वैसे- पैसे उसका तात्कालिक प्रभाव यह होता है कि इस उद्योग को उत्पादन के साधन देने वाले दूसरे उद्योगों में उत्पादन बढ़ जाता है। इस तरह कितने नये मजदूरों को नौकरी मिल जायेगी, यह काम के दिन की लम्बाई तवा मम की तीव्रता को पहले से निश्चित मानते हुए इस बात पर निर्भर करता है कि जो पूंची इस्तेमाल की जा रही है, उसकी संरचना किस प्रकार की है, यानी उसके पस्थिर संघटक के साथ उसके स्थिर संघटक का क्या अनुपात है। यह अनुपात खुद बहुत कुछ इस बात के साथ बदलता रहता है कि मशीनों ने इन पंधों पर किस हद तक अधिकार जमा लिया है या वे उनपर किस हद तक अधिकार जमाती जा रही हैं। कोयले और पातु की जानों में काम करने के लिये मजबूर लोगों की संख्या में इंगलैग की फ्रेक्टरी-व्यवस्था की प्रगति के फलस्वरूप बहुत भारी वृद्धि हो गयी थी, किन्तु पिछले कुछ दशकों में खानों में नयी मशीनों के इस्तेमाल के कारण मजदूरों की संख्या की यह वृद्धि कुछ मंद पड़ गयी है। मशीन के साथ-साथ एक नये प्रकार का मखदूर जन्म लेता है। हमारा मतलब मशीन को बनाने वाले से है। हम यह पहले ही देख चुके हैं कि उत्पादन की इस शाखा पर भी मशीनों ने एक ऐसे पैमाने पर अधिकार कर लिया है, जो दिन-ब-दिन बढ़ता ही जाता है। जहां तक कच्चे माल का सम्बंध है, इसमें तनिक भी सन्देह नहीं है कि कपास की कताई में जो तेज उन्नति हुई है, उसने न केवल संयुक्त राज्य अमरीका में कपास की खेती को उष्णदेशीय प्रचुरता के साथ बढ़ा दिया है और उसके साथ-साथ अफ्रीका के बांसों के व्यापार में तेजी ला दी है, बल्कि उसके फलस्वरूप सीमान्त के उन राज्यों में, जिनमें बास-प्रथा पायी जाती है, गुलामों को पालना लोगों का मुख्य व्यवसाय बन गया है। १७६० में संयुक्त राज्य अमरीका में गुलामों की पहली गणना की गयी थी। उस समय उनकी संख्या ६,६७,००० थी। १८६१ तक उनकी संख्या लगभग ४० लास तक पहुंच गयी थी। दूसरी ओर, इसमें भी कोई सन्देह नहीं है कि इंगलैर में ऊनी 1१८६१ की जनगणना के अनुसार ( देखिये बण्ड २, लन्दन , १८६३) इंगलैण्ड और वेल्स की कोयला-थानों में नौकरी करने वालों की संख्या २,४६, ६१३ बैठती थी, जिनमें से ७३,५४६ की आयु २० वर्ष से कम और १,७३,०६७ की मायु २० वर्ष से अधिक थी। २० वर्ष से कम आयु के मजदूरों में ८३५ की प्रायु ५ वर्ष और १० वर्ष के बीच , ३०,७०१ की भायु १० और १५ वर्ष के बीच प्रौर ४२,०१० की आयु १५ और १९ वर्ष के बीच पी। लोहे, ताम्बे, सीसे और टित की बानों में और अन्य हर प्रकार की धातु-बानों में काम करने वालों की कुल संख्या ३,१९,२२२ पी। 'इंगलैर और वेल्स में १८६१ में ६०,८०७ व्यक्ति मशीन बनाने के धंधे में लगे हुए थे। मालिक लोग और क्लर्क प्रादि तथा तमाम एजेण्ट पोर इस उद्योग से सम्बंधित व्यावसायिक लोग इस संख्या में सम्मिलित ह; लेकिन सिलाई की मशीनों जैसी छोटी-छोटी मशीनें बनाने वाले और साथ ही मशीनों के तमों जैसे कार्यकारी पुषों को बनाने वाले इस संख्या के बाहर थे। प्रसैनिक इंजीनियरों की कुल संख्या ३,३२६ बैठती थी। 'लोहा चूंकि एक सबसे महत्वपूर्ण कच्चा माल है, इसलिये मैं यहां पर यह बता दूं कि १९६१ में इंगलैण्ड और वेल्स में १,२५,७७१ व्यक्ति मोहा डालते थे, जिनमें से १,२३,४३० पुरुष ये पौर. २,३४१ स्त्रियां। पुरुषों में ३०,८१० की पायु २० वर्ष से कम पार ९२,६२० की मायु २० वर्ष से अधिक पी।
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