मशीनें और माधुनिक उद्योग ५६७ . . वाले बहुत से छोटे-छोटे उद्योगों के बड़े पैमाने के घोड़े से संयुक्त उद्योगों में परिवर्तित हो जाने की क्रिया को और तेज कर देता है और इस तरह पूंजी के केन्द्रीकरण और फैक्टरी-व्यवस्था के एकछत्र प्रभुत्व की स्थापना को बहुत गति प्रदान करता है। यह विस्तार उन प्राचीन तथा अन्तर्कालीन , बोनों प्रकार के रूपों को नष्ट कर देता है, जिन्होंने अभी तक पूंजी के प्रभुत्व पर प्रांशिक रूप से पर्वा गल रखा था, और उनके स्थान पर पूंजी का प्रत्यक्ष और सुला प्राधिपत्य स्थापित कर देता है। परन्तु ऐसा करके वह इस प्राषिपत्य के प्रत्यक विरोष को भी एक सामान्य रूप दे देता है। प्रत्येक अलग-अलग कारखाने में जहां वह अनिवार्य रूप से एकरूपता, नियमितता, व्यवस्था और मितव्ययिता को व्यवहार में लाता है, वहां वह काम के दिन पर सीमा लगाकर तथा उसका नियमन करके और इस तरह प्राविधिक प्रगति को बहुत तेज बनाकर पूरे पूंजीवादी उत्पादन की पराजकता और मुसीबतों को, श्रम की तीव्रता को और मजदूर के साथ मशीनों की प्रतियोगिता को और बढ़ा देता है। छोटे और घरेलू उद्योगों को नष्ट करके वह "फालतू माबादी" के प्राखिरी सहारे को खतम कर देता है और उसके साथ-साथ पूरे सामाजिक संघटन के एकमात्र बचे हुए सुरक्षा-मार्ग को भी बन्द कर देता है। भौतिक परिस्थितियों को और पूरे समाज के पैमाने पर उत्पादन की क्रियामों के योग को परिपक्व बना कर वह उत्पादन के पूंजीवावी रूप के विरोषों और प्रसंगतियों को परिपक्व करता है और इस तरह एक नये समाज के निर्माण के लिये पावश्यक तत्वों के साथ-साथ पुराने समाज को नष्ट कर देने वाली शक्तियों को भी तैयार करता है।' . - . 1रोबर्ट ओवेन सहकारी फ़ैक्टरियों और दुकानों के जन्मदाता थे, किन्तु जैसा कि पहले भी बताया जा चुका है, अपने अनुयायियों की तरह उनके मन में इस विषय में कोई भ्रम नहीं था कि परिवर्तन के इन इक्के-दुक्के तत्वों का असल में क्या महत्व है। उन्होंने न केवल व्यवहार में फैक्टरी-व्यवस्था को अपने प्रयोगों का एकमात्र आधार बनाया था, बल्कि सैद्धान्तिक रूप में इस व्यवस्था को सामाजिक क्रान्ति का प्रस्थान-बिन्दु घोषित किया था। लेडेन-विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर , हेर विस्सेरिंग ने जब अपनी रचना "Handboek van Praktische Sta- atshuishoudhunde", १८६०-६२, में, जिसमें अप्रामाणिक अर्थशास्त्र की तमाम महत्वहीन बातों को दुहरा दिया गया है, फैक्टरी-व्यवस्था के मुकाबले में दस्तकारियों का जोरदार समर्थन किया था, तब मालूम होता है, उनके मन में इस बात का कुछ प्राभास था। [चौथे जर्मन संस्करण में जोड़ा गया अंश : एक दूसरे के विरोधी Factory Acts (फ़ैक्टरी-कानूनों), Factory Extension Act (फैक्टरी-विस्तार-कानून) और Workshops' Act ( वर्कशाप- कानून) के रूप में जो कानूनी गड़बड़-झाला तैयार हुआ था (पृष्ठ ३१४) (इस संस्करण का पृष्ठ ३४१), वह अन्त में असह्य हो गया, और चुनांचे १८७८ के Factory and Wor- kshop Act (फैक्टरी और वर्कशाप कानून ) ने इन तमाम कानूनों को एक नयी संहिता का रूप दे दिया। जाहिर है, हम इस स्थान पर इंगलैण्ड की वर्तमान प्रौद्योगिक संहिता की कोई विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत नहीं कर सकते । यहां निम्नलिखित टिप्पणियां पर्याप्त होंगी । यह कानून इतनी तरह की फैक्टरियों पर लागू है : (१) कपड़ा-मिलों पर । इनके सम्बंध में स्थिति लगभग वही है, जो पहले थी। १० वर्ष से अधिक मायु के बच्चों को ५ घण्टे प्रति दिन या शनिवार की छुट्टी और ६ घण्टे प्रति २
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