पूंजीवादी संचय का सामान्य नियम ७५९ . . 1. सापनों को हमेशा एक स्थिर मात्रा माना जाता है। 1"1"जहां तक उसकी प्राय के और घटा दिये जाने का सवाल है, वह कह सकता है कि nihil habeo nihil curo (मेरे पास न तो कुछ है, और न मैं परवाह करता हूं)। उसे भविष्य का कोई भय नहीं है, क्योंकि अब उसके पास केवल उतना ही है, जितना उसे बिन्दा रखने के लिये जरूरी है। वह उस शून्य पर पहुंच गया है, जहां से कास्तकार का हिसाब प्रारम्भ होता है। अब तो भविष्य कैसा भी हो, वह न तो समृद्धि में हिस्सा बंटा सकता है और न विपत्ति में।" १८६३ में उन अपराधियों के पोषण और श्रम सम्बंधी स्थिति की सरकारी जांच हुई, जिनको काले पानी की और कड़ीद की सबा मिली हुई थी। इस जांच के नतीजे दो बड़े पोषों (Blue books) में वर्ष है। अन्य बातों के अलावा उनमें कहा गया है कि "इंगलैड केलखानों में दलित बन्दियों के भोजन की इसी देश के मुहताजबानों में मुहताजों तथा स्वतंत्र लेत-मजदूरों के भोजन के साथ विस्तारपूर्वक तुलना करने पर निश्चय ही यह बात सामने पाती है कि बन्दियों को दूसरे दोनों वर्गों से बहुत अच्छा भोजन मिलता है", "कड़ी व भोगने वाले एक साधारण बन्दी को जितना भन करना पड़ता है, वह साधारण लेत-मजदूर द्वारा किये जाने वाले श्रम का लगभग भाषा होता है"" गवाहों के बयानों के कुछ उल्लेखनीय अंश सुनिये। एग्निवरा बेललाने के गवर्नर मान स्मिथ ने कहा:-० ५०५६ - "इंगलैग में मेलखानों का भोजन साधारण खेत मजदूरों के भोजन से बेहतर होता है।" नं. ५० - "यह बिल्कुल सच है कि ... कोटलेस के साधारण लेत-मजदूरों को बहुत मुश्किल से ही कभी बरा सा मांस मिलता है।" उत्तर नं. ३०४७-"या पापको किसी ऐसे कारण की जानकारी है, जिससे इन लोगों को साधारण लेत-मजदूरों की अपेक्षा बहुत अच्छा भोजन देना सही है?"-"मी नहीं।" नं. ३०४ "पया आपके विचार से कुछ और प्रयोगों के द्वारा यह पता लगाने की कोशिश करनी चाहिये कि सार्वजनिक निर्माण कार्यों में जिन कैदियों से काम लिया जा रहा है, उनके लिये क्या ऐसे भोजन की व्यवस्था नहीं की जा सकती, यो स्वतंत्र मजदूरों के भोजन से मिलता-चुलता हो?"". • वह (लेत-मजदूर) कह सकता है कि 'में सन्त मेहनत करता हूं और फिर भी मुझे जाने को काफी नहीं मिलता, पर जब में पल में पा, तो पेट भरकर जाता था, मगर यहां से ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती थी। इसलिये यहां रहने से तो यही बेहतर है कि फिर बेल चला जाऊं।". रिपोर्ट के पहले बम के साथ बो तालिकाएं नती है, उनका निचोड निकालकर मैंने यह तुलनात्मक तालिका तैयार की है: 1 उप. पु., पृ० १३५। 'उप० पु., पृ० १३४। 8"Report of the Commissioners relating to Transportation and Pe nal Servitude ('काले पानी और कड़ी कैद के सम्बंध में... जांच-कमिश्नरों की रिपोर्ट'), London, 1863, पृ. ४२, नं० ५० । 'उप० पु०, पृ० ७७। "Memorandum by the Lord Chief Justice" ('लाई चीफ़ जस्टिस का स्मृति-पत्न')। 'उप० पु., बण २, गवाहों के बयान (पृ. ४१८, २३९) । 'उप० पु०, खण्ड १, परिशिष्ट, पृ० २८० ।
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