पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी १.djvu/७७४

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पूंजीवादी संचय का सामान्य नियम ७७१ थे, पर १८६१ में २६२ व्यक्ति दूंस-ठांसकर ४६ घरों में भर दिये गये। बेसिलग्न में १८५१ में १५७ व्यक्ति १,८२७ एकड़ के रकबे पर ३५ घरों में रहते थे, बस वर्ष बाद पता चला कि वहाँ १८० व्यक्ति २७ घरों में रह रहे हैं। फिंगरिंगहो, दक्षिणी फ्रानब्रिज, विरफोर्ग, बेसिलडेन, और रेम्सडेन कंग्स नामक गांवों में १८५१ में १,३९२ व्यक्ति ८,४६ एकड़ के रकबे में बने हुए ३१६ घरों में रहते थे; १९६१ में देखा गया कि उसी रकबे पर १,४७३ व्यक्ति २४९ घरों में रह रहे हैं। (६) हियरफ़ोर्डशायर 16 'किरायेदारों को निकालने की भावना" से इस छोटी सी काउण्टी को जितना नुकसान पहुंचा है, उतना इंगलैड की और किसी काउन्टी को नहीं पहुंचा। नरवाई नामक गांव में ग्राम तौर पर सभी घरों में भीड़ भरी हुई है। उनमें सोने के केवल २ कमरे होते हैं। उनके मालिक प्रायः काश्तकार हैं। वे बड़ी प्रासानी से उनको ३ पौड या ४ पौड सालाना किराये पर उठा देते हैं, और अपने मजदूरों को मजदूरी देते हैं । शिलिंग प्रति सप्ताह । (७) हंटिगठन हार्टफोर्ड में १८५१ ८७ घर थे। उसके थोड़े ही समय बाद १,७२० एकड़ रकबे के इस छोटे से गांव के १९ घर नष्ट कर दिये गये। पावादी १८३१ में ४५२, १८५१ में ३५२ पौर १८६१ में ३४१ पी। १४ घरों को जाकर देखा गया। प्रत्येक में एक-एक सोने का कमरा था। एक में एक विवाहित बम्पत्ति, ३ वयस्क बेटे, १वयस्क बेटी और ४ बच्चे,-कुल मिलाकर १० व्यक्ति रह रहे थे। एक और कमरे में ३ वयस्क और ६ बच्चे रहते थे। इनमें से एक कमरा, जिसमें ८ व्यक्ति सोते थे, १२ फूट १० इंच लम्बा, १२ फुट २ इंच चौड़ा और ६ फूट ९ इंच ऊंचा था; कमरे के अन्दर की तरफ उभरी हुई दीवारों प्रावि में जो स्थान चला गया था, उसको न घटाते हुए प्रति व्यक्ति के पीछे १३० धन-फुट स्थान का पोसत बैठता था। १४ सोने के कमरों में ३४ वयस्क और ३३ बच्चे रहते थे। इन घरों के साथ बगीचे तो कभी-कभार ही होते हैं, पर उनमें रहने वाले बहुत से लोगों को १० शिलिंग या १२ शिलिंग फ्री rood लगान पर समीन के छोटे-छोटे टुकड़े साग-सब्जी उगाने के लिये मिल जाते हैं। ये टुकड़े घरों से दूर होते हैं, और घरों में पाजाने नहीं होते। परिवार को या तो "जाकर जमीन के इन टुकड़ों में पाखाना फिरना पड़ता है," और या "एक ऐसी कोठरी इस्तेमाल करनी पड़ती है, जिसमें प्रलमारी की बराव बसा एक. कठीता रता रहता है, जिसे सप्ताह में एक बार उठाकर पाखाना वहां फेंक पाना पड़ता है, जहां इसकी जरूरत होती है।" जापान में जीवन के लिये मावश्यक वस्तुओं का परिचलन इससे अधिक स्वच्छता के साथ सम्पन्न होता है। - (८) लिंकनशायर लैंगटोपट। यहाँ राइट के घर में एक प्रावमी अपनी पत्नी, सास और पांच बच्चों के साथ रहता है। घर में सामने की तरफ एक रसोई है, सामान रखने की कोठरी है और रसोई के पर सोने का कमरा है। रसोई और सोने का कमरा १२ फुट २ इंच 49"