८१० पूंजीवादी उत्पादन किया,-इसके पहले यह लूट कुछ छोटे पैमाने पर होती थी। ये सरकारी जागीरें ईनाम में दी गयीं, हास्यास्पद दामों पर बेच दी गयीं या यहां तक कि सीधे-सीधे बाबर्दस्ती करके निजी जागीरों में मिला ली गयीं।' और यह सब करते हुए कानूनी शिष्टाचार की पोर तनिक भी ध्यान नहीं दिया गया। इस प्रकार जिन राजकीय समीनों पर बोलापड़ी के बरिये अधिकार कर लिया गया और वर्ष की जिन जागीरों को लूट लिया गया जिस हर कि प्रजातंत्रवादी क्रान्ति के समय फिर अपने नये मालिकों के हाथों से नहीं चली गयीं, उस हद तक उन्हीं जमीनों से अंग्रेख मल्पतंत्र की वर्तमान बड़ी-बड़ी बागीरों का प्राधार तैयार हुआ है। पूंजीपतियों ने इस क्रिया का, अन्य बातों के अलावा, इस उद्देश्य से भी समर्थन किया कि इससे जमीन के स्वतंत्र व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बड़े फ्रामों की प्रणाली के अनुसार मानिक उंग की लेती का क्षेत्र बढ़ाया जा सकेगा, और इस तरह मजदूरी करने के लिये सदैव तैयार रहने वाले स्वतंत्र और सर्वहारा लेतिहर मजदूरों की संख्या में वृद्धि हो जायेगी। इसके अलावा, भूस्वामियों का यह नया अभिजात वर्ग बंक-पतियों के नये वर्ग का- नवबात उन्ध पूंची का-और उन बड़े-बड़े उद्योगपतियों का स्वाभाविक मित्र पा, मो उस बनाने में अपनी सुरक्षा के लिये विदेशी माल पर लगायी जाने बाली मुंगी पर निर्भर करते थे। इंगलब के पूंजीपति-वर्ग ने उतनी ही बुद्धिमानी के साथ अपने हितों की रक्षा की, जितनी बुद्धिमानी के साथ स्वीडेन के पूंजीपति वर्ग ने अपने हितों की रक्षा की पी, हालांकि स्वीरिश पूंजीपति वर्ग ने इस क्रिया को उलटकर प्रपने पार्विक मित्र-किसानों- के साथ मिलकर अभिजात वर्ग से शाही समीनें फिर से छीन लेने में राजाओं की मदद की थी। चार्ल्स बसवें और चार्ल्स ग्यारहवें के राज्यकाल में १६०४ से यह क्रिया प्रारम्भ गयी थी। बह राजा के प्रेम का और इस महिला के प्रभाव का एक सार्वजनिक प्रमाण है ... समझा जाता है कि लेग प्रोकनी का प्रीतिकर कार्य यह था कि उनको foeda labiorum ministeria (मोंठों का असम्मानप्रद कार्य) करना पड़ता था।' (ब्रिटिश संग्रहालय में Sloane Ma- nuscript Collection [स्लोन का हस्तलिपियों का संग्रह], नं० ४२२४। इस हस्तलिपि का etia: "The character and behaviour of King William, Sunderland, etc., as represented in Original Letters to the Duke of Shrewsbury from Somers, Halif- ax, Oxford, Secretary Vernon, etc." [" राजा विलियम, सण्डरलैण्ड, आदि, का चरित्र तथा व्यवहार-जिस प्रकार श्रयजबरी के ड्यूक के नाम सौमर्स , हैलिफ़क्स, पाक्सफ़ारं, सेक्रेटरी वेर्नन प्रादि के मूल पत्रों में उनका वर्णन मिलता है']। इस हस्तलिपि में अजीब-अजीब बातें पढ़ने को मिलती है।) 'शाही जागीरों का कुछ हद तक बिक्री के जरिये और कुछ हद तक ईनाम के जरिये जिस गैरकानूनी ढंग से हस्तांतरण किया गया, वह इंगलैण्ड के इतिहास का एक कलंकमय अध्याय है ... इस तरह राष्ट्र के साथ एक बड़ा भारी धोखा (agigantic fraud on the nation) किया गया।" (F. W. Newman, "Lectures on Political Economy" [एफ० उम्लयू० न्यूमैन , 'अर्थशास्त्र पर भाषण'], London, 1851, पृ० १२६, १३०।) [इंगलैण्ड के मौजूदा बड़े भू-स्वामियों के हाथ में ये जागीरें किस तरह पायीं, इसके विस्तृत विवरण के लिये देखिये : "Our Old Nobility. By Noblesse Oblige” ('FHIT gert afrontar at i-frunt ताचार द्वारा लिखित'), London, 18791-के. एं०] 'मिसाल के लिये, बेडफोर्ड के ड्यूक-वंश के सम्बंध में ई० वर्क की पुस्तिका देखिये। "The tomtit of liberalism" (" उदारतावाद की फुदकी"), लार्ड जान रसेल इसी वंश की उपज थे। . 1 4
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