सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/१५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१६ भूमिका 1 " 1 (1 ( घोषित कर दिया है। यह दावा किया जाता है कि मार्क्स ने रॉदवेर्टस के कृतित्व की साहित्यिक चोरी की है। इस सम्बन्ध में जो वातें तुरन्त कहना आवश्यक थीं, मैं पहले ही अन्यत्र कह चुका हूं, लेकिन अव से पहले मैं निर्णायक प्रमाण नहीं जुटा पाया था। जहां तक मुझे मालूम है, यह आरोप सबसे पहले मेयेर ने अपनी पुस्तक Emancipations- kampf des vierten Standes, पृष्ठ ४३ में लगाया था। उन्होंने लिखा था, "यह सावित किया जा सकता है कि मार्क्स ने अपनी आलोचना का अधिकांश इन प्रकाशनों से लिया है", आशय है चौथे दशक के उत्तरार्ध में प्रकाशित रॉदवेर्टस की रचनाओं से। जव तक और सबूत न दिया जाये, मुझे यही मानना होगा कि इस दावे का समस्त प्रमाण" इसके सिवा और कुछ नहीं थी कि रॉदवेर्टस ने श्री मेयेर को आश्वासन दिया था कि वात ऐसी ही है। १८७६ में रॉदवेर्टस खुद मैदान में आते हैं और अपनी पुस्तक Zur Erkenntnis unsrer staatsvirtschaftlichen Zustande (१८४२) के बारे में त्सेलर को लिखते हैं (Zeitschrift fur die gesamte Staatsuoissenschaft, त्यूविंगन, १८७६, पृष्ठ २१६) *, "तुम देखोगे कि मार्क्स ने बड़ी खूवी से इसे" (यानी पुस्तक में निरूपित विचार को ) "इस्तेमाल किया है। लेकिन इसके लिए मुझे श्रेय नहीं दिया है।" रॉदवेर्टस की कृतियों का मृत्योपरांत प्रकाशन करनेवाले प्रकाशक त० कोत्सक ने विना किसी तकल्लुफ़ के वही आक्षेप दोहरा दिया है (Das Kapital von Rodbertus. वर्लिन, १८८४, भूमिका, पृष्ठ १५)। और आखिर में रू० मेयेर द्वारा १८८१ में प्रकाशित Briefen und sozialpolitischen Aufsätzen von Dr. Rodbertus-Jagagetzow 7744 yigit # TACH à me बात कह डाली है, 'आज मैं देखता हूं कि मुझे शैफ्ले और मार्क्स ने मेरा नाम लिये विना लूट लिया है" (पन्न ६०, पृष्ठ १३४)। दूसरी जगह रॉदवेर्टस का दावा और भी निश्चित रूप ग्रहण कर लेता है, “अपने तीसरे सामाजिक पत्र में मैंने वस्तुतः मार्क्स जैसे तरीके से ही, किन्तु अधिक स्पष्टता से और संक्षेप में दिखाया है कि पूंजीपति के वेशी मूल्य का स्रोत क्या है" (पन ४८, पृष्ठ १११)। साहित्यिक "लूट" के इन आरोपों के बारे में मार्क्स ने कभी कुछ नहीं सुना था।Eman- cipationskampf की उनकी प्रति में वे ही पन्ने खोले गये थे, जिनका सम्बन्ध इण्टरनेशनल से था। वाक़ी पन्ने तब तक वैसे ही पड़े रहे कि जब मार्क्स की मृत्यु के बाद मैंने स्वयं उन्हें नहीं खोला। त्यूविंगन से प्रकाशित Zeitschrift उन्होंने कभी देखी नहीं। रू० मेयेर के नाम Briefe, etc. भी उनकी जानकारी में नहीं आये और १८८४ में डा० मेयेर ने स्वयं कृपा करके जव तक मेरा ध्यान आकर्पित नहीं किया, तब तक “लूट" सम्बन्धी वाक्य की जानकारी मुझे भी नहीं थी। किन्तु पत्र ४८ से मार्क्स परिचित थे। डा० मेयेर ने मेहरवानी करके मार्क्स की सबसे छोटी बेटी को मूल प्रति भेंट कर दी थी। जव उनकी आलोचना के गुप्त स्रोत को 1 11 + 1 Das Elend der Philosophie. Antwort auf Proudhon's Philosophie des Elends von Karl Marx. Deutsch von E. Bernstein und K. Kautsky. Stuttgart, 1885. की भूमिका में।

  • रॉदवेर्टस की १८७५ में मृत्यु हो गयी। एंगेल्स द्वारा उल्लिखित त्सेलर को उनका पत्र

१८७६ में प्रकाशित हुआ था।-सं०