पृष्ठ:कार्ल मार्क्स पूंजी २.djvu/३९६

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साधारण पुनरुत्पादन +१६ २/३५+ १६ २/३३ का बना है। वर्ग II के मालों के विभिन्न प्रकारों में स्थिर पूंजी के भिन्न-भिन्न अनुपात हो सकते हैं। इसी तरह स्थिर पूंजी का स्थायी अंश भी भिन्न-भिन्न हो सकता है। स्थायी पूंजी के अंशों के टिकाऊपन और इसलिए उनकी वार्षिक छीजन अथवा उस मूल्यांश में भी भिन्नता हो सकती है, जिसे वे pro rata उन मालों को अंतरित करते हैं, जिनके उत्पादन में वे भाग लेते हैं। किंतु यहां यह महत्वहीन है। जहां तक सामाजिक पुनरुत्पादन प्रक्रिया का संबंध है, यह केवल II और I वर्गों के बीच विनिमय का प्रश्न है। ये दोनों वर्ग यहां केवल अपने सामाजिक , व्यापक संबंधों में एक दूसरे के आमने-सामने होते हैं। अतः यदि II के अंतर्गत वर्गीकृत सभी उत्पादन शाखाएं शामिल हों, तो माल उत्पाद II के मूल्य के स भाग का समानुपातिक परिमाणं ( विचाराधीन समस्या के लिए एकमात्र महत्वपूर्ण) अौसत अनुपात दे देता है। 'अतः माल का प्रत्येक प्रकार (और वे अधिकतर एक ही प्रकार के होते हैं ), जिसका समुच्चित मूल्य २,०००स+५००५+५००वे के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है, मूल्य में ६६ २/३%स+ १६ २/३%4+ १६ २/३% के बरावर होता है। यह वात प्रति १०० माल पर लागू होती है, चाहे वह स अथवा प या वे, किसी के भी अंतर्गत वर्गीकृत हो । जिन मालों में २,००°स का समावेश है, उनका इस प्रकार और मूल्यगत विभाजन किया जा सकता है: १) १,३३३ १/३स+३३३ १/३८+ ३३३ १/३३ =२,००० इसी प्रकार ५००प को इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है : २) ३३३ १/३स+ ८३ १/३५+ ८३ १/३वे =५०°प और अंत में ५००३ का विभाजन इस प्रकार हो सकता है : ३) ३३३ १/३स+८३.१/३५+८३ १/३३ =५००वे ! अव यदि हम १), २) और ३) के स जोड़ें, तो यह प्राप्त होता है : १३३३ १/३स ३३३ १/३स+ ३३३ १/३स =२,०००। इसके ३३३ १/३+ +८३ १/३५+ ८३ १/३५ =५००। और यही स्थिति बे के साथ है। जोड़ करने से कुल मूल्य ऊपर की तरह वही ३,००० प्राप्त होता है। अतः माल संहति II में सन्निहित समस्त स्थिर पूंजी मूल्य , जो ३,००० का मूल्य प्रकट करता है, २,०००स में समाहित है, और इसका रत्ती भर अंश भी न तो ५००५ में है और में । यही वात प और वे के वारे में भी सही है। दूसरे शब्दों में, माल संहति II का जो समस्त भाग स्थिर पूंजी मूल्य को प्रकट करता है और इसलिए अपने दैहिक रूप में अथवा अपने द्रव्य रूप में पुनःपरिवर्तनीयं है, वह २,०००स में विद्यमान है। इसलिए जो चीज़ भी माल II के स्थिर मूल्य के विनिमय से संबंधित है, वह २,००० 1स की गति की सीमाओं के भीतर है। और यह विनिमय केवल I ( १,००० प+ +१,००० वे) से ही किया जा सकता है। अलावा: न ५०°वे