द्रव्य पूंजी का परिपथ ४७ - न मूल्य का निर्माण। एक नियत पूंजी मूल्य काफ़ी भिन्न-भिन्न अंशों में उत्पाद और मूल्य के सर्जक का काम कर सकता है और पुनरुत्पादन का पैमाना उस विशेष रपतार के अनुरूप , जिससे पूंजी अपना माल रूप त्यागती है और द्रव्य रूप धारण करती है अथवा विक्री की गति के अनुरूप घटता-बढ़ता रहता है। पहले खंड में यह दिखाया जा चुका है कि नियत पूंजी की कार्य- कुशलता को मात्रा उत्पादक प्रक्रियाओं की संभाव्यता पर निर्भर होती है, जो किसी हद तक स्वयं अपने ही मूल्य के परिमाण से स्वतन्त्र होती है। यहां यह आभास होता है कि परिचलन प्रक्रिया ऐसी नई शक्तियों को चालू कर देती है, जो पूंजी के मूल्य परिमाण से स्वतन्त्र होती हैं और वे उसकी कार्य-कुशलता की मात्रा , उसका प्रसार तथा संकुचन निर्धारित करती हैं। इसके अलावा विस्तारित पूंजी का निक्षेप होने के नाते माल राशि मा को समग्रतः मा-द्र के रूपान्तरण से गुज़रना होगा। यहां बेची हुई मात्रा मुख्य निर्धारक है। अलग- अलग माल समष्टिगत माल राशि के अभिन्न अंग के रूप में ही सामने आता है। ५०० पाउंड मूल्य १०,००० पाउंड सूत में विद्यमान · है। यदि पूंजीपति केवल ७,४४० पाउंड सूत उसके ३७२ पाउंड मूल्य पर वेच पाये, तो वह अपनी स्थिर पूंजी का मूल्य , खर्च हुए उत्पादन साधनों का मूल्य ही बहाल कर सकेगा। अगर वह ८,४४० पाउंड सूत वैचे, तो उसने जो कुल पूंजी पेशगी लगाई थी, उसका मूल्य ही वापस पा सकेगा। कुछ वेशी मूल्य वसूल करने के लिए उसे और अधिक सूत वेचना होगा। ७८ पाउंड का समूचा बेशी मूल्य वसूलने के लिए ( जो १,५६० पाउंड सूत के बरावर है ) उसे सारा का सारा १०,००० पाउंड सूत बेचना होगा। द्रव्य रूप में उसे ५०० पाउंड केवल वेचे हुए माल का समतुल्य प्राप्त होता है। परिचलन के भीतर उसका कारोवार केवल मा द्र है। अगर उसने ५० पाउंड के बदले अपने मजदूरों को मजदूरी में ६४ पाउंड दिये होते , तो उसका वेशी मूल्य ७८ पाउंड के वदले केवल ६४ पाउंड होता, और तव शोषण की मात्रा १५६ बदले १०० प्रतिशत ही होती। किन्तु सूत का मूल्य नहीं बदलता, केवल उसके घटकों का अान्तरिक सम्बन्ध भिन्न होता। मा-द्र परिचलन क्रिया अब भी ५०० पाउंड मूल्य पर १०,००० पाउंड सूत की विक्री जाहिर करेगी। मा वरावर है मा +मा के ( अथवा ४२२ पाउंड + ७८ पाउंड के )। मा उत्पादक पूंजी उ के मूल्य के वरावर है और यह द्र के मूल्य के बरावर होता है , जो द्र मा क्रिया में पेशगी दिया गया था। इसमें उत्पादन के तत्व ख़रीदे गये थे और हमारे उदाहरण में यह रकम ४२२ पाउंड है। यदि समूची माल राशि अपने मूल्य पर वेची जाये, तो मा वरावर होगा ४२२ पाउंड के और मा वरावर होगा ७८ पाउंड के , जो १,५६० पाउंड सूत के वेशी उत्पाद का मूल्य है। द्रव्य रूप में इसे व्यक्त करते हुए यदि हम मा को द्र कहें, तो मा-द्र = (मा+मा) - (द्र + द्र) । और इसलिए अपने विस्तारित रूप में द्र-मा मा-द्र' का परिपथ इस तरह व्यक्त होगा : द्र- ( मा + मा) - (द्र + द्र)। ~ थ मा 'उ सा • कार्ल मार्क्स , 'पूंजी', हिन्दी संस्करण , खण्ड १, पृष्ठ ६७५-६८३ । - सं०
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