पृष्ठ:कालिदास.djvu/१७२

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blu का चरम

सृष्टि है- पाणा के घर-पुत्र का अक्षय

ख्य है। शकुन्तला के प्रत्येक पात्र, प्रत्येक घदना और प्रत्येक की विशेषता और तद्विषयक महाकाय के अलौकिक ये से अभिज्ञता प्राप्त करना हो तो विचा-भूपराजी की 'हुई समालोचना साद्यन्त पढ़ना चाहिए ।

विद्या-मूपण होदय को कालिदास का अग्ध-भक्त मिए। उन्होंने कालिदास की रचनाओं में दोषो- ये भी की है। कुमार-सम्भय के विषय में मांपकी ____ "कुमार-सम्भय रघुवंश का पूर्पयती है। पहली का पिलकुल ही निदोष होना गम्भय मदी। मांगे सम्मर में जो जो स्पल किश्चित् ममलान हैं माय मूह का मंशोधन कालिदास ने रपयंस में कर दिया हर-पायंती के वियाह का मानदुमती के विधागे ते-यिसाप का मा-विलाप रो मिलान करने पर पर सपको स्वीकार करना पड़ेगा।"

मनन पर शिशपार्वती के विवाह और नार में सानिमास को र दो नीषिय मालम

मिसे उन्होंने प्रा-गमती शिवार भोर भा.

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