पृष्ठ:कालिदास.djvu/७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

कालिदास। 5 - ---+ 86- [१-कालिदास का आविर्भाव-काल। गरेज़ी.पढ़े-लिखे लोगों में संस्कृत भाषा और संस्कृत-साहित्य आदि की चर्चा पहले की अपेक्षा. इस समय अधिक है। इसका पुण्य इस देश के विद्वानों को कम, किन्तु योरप के विद्वानों को अधिक है। यदि योरप के पण्डित संस्कृत-प्रन्यों की चालो- चना, उनके परिशीलन, उनके प्रकाशन में दत्तचित्त न होते तो इस देश के अँगरेज़ी-विद्या- विशारदों का ध्यान शायद ही इस ओर श्राफर्पित होता। योरप के विद्वानों ने हिन्दुस्तान ही. में नहीं, ग्लैंड और जर्मनी में भी संस्कृत की सूय चर्चा की है और आप तक