[कालिदास का आविर्भाव-काल । प्रतिशोध करने के लिए ही दिङ नाग ने कालिदास के काव्यों की प्रतिकुल समालोचना की थी। यही कारण है कि मेघदूत में कालिदास ने दिइनाग का उस प्रकार व्यङ्गम- पूर्वक उल्लेख किया है। इससे यह सूवित हुश्रा कि कुमार- गुप्त की सभा की शोमा भी कालिदास ने बढ़ाई थी। कालिदास ने भग्ने कार्यो मेराशि-वक का उल्लेख किया है। जामिक और होरा इत्यादि ज्योतिष के कुछ पारिभाषिक शब्द भी उन्होंने लिखे है। ज्योतिष का सूर्य- सिद्धान्त ५०० सयो के प्रासपास का प्रन्य है। उसमें राशिवम का उल्लेख नहीं। परन्तु भार्यमह के प्रत्य में है। माय॑मः का जन्म ४७ ईसवी में पाटलिपुत्र में हुमा पा। राशिचक और जामित्र भावि शन्दों का शान हमें प्रीक लोगों से भा। होरा, ट्रेकाण इत्यादि राशिव के विभागों की बात सबसे पहले फर्मोस मीटरनस (Fermiens meternus) नामक ग्रीक ज्योतिषी अन्य में उलिसित है। उसका समय ३३६ सिवी से ३५४ सपी तक है। इससे सिद्ध है कि कालिदास ३६ सिपी के प्रनतर पर्तमान थे। ____ यहाँ तक जो कुछ लिखा गया उससे यह शान एभा कि ३३६ ईसवी के पहले कालिदास का जन्म-प्रधान पारना इतिहास-ष्टि से ममम्भर है। अतएय दिन
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