पृष्ठ:काव्य-निर्णय.djvu/२५

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हीनोक्ति का वर्णन (२४४ ), तद्प रूपक समासोक्ति से वर्णन, अभेद रूपक अधिकोक्ति से वर्णन (२४५), रूपक-अन्य भेद वर्णन(२४८), निरंग-रूपक उदाहरण, परंपरित रूपक लक्षण वर्णन (२४९),उदाहरण वर्णन, परंपरित रूपक की माला-उदाहरण (२५०), पुनःउदाहरण भिन्न पद से (२५१), माला रूपक उदाहरण (२५२), परिणाम रूपक लक्षण (२५४), उदाहरण वर्णन, समस्त विषय रूपक लक्षण (२५६), उपमा वाचक रूपक उदाहरण (२५७), उत्प्रेक्षा वाचक रूपक उदाहरण, अपन्हुति वाचक रूपक उदाहरण वर्णन (२६०), रूपक-रूपक उदाहरण (२६१), समस्त विषयक परिणाम रूपक उदाहरण, उल्लेपा- लंकार लक्षण वर्णन (२६२),उल्लेषालंकार उदाहरण एक में बहुतों का बोध होने पर (२६४),एक में बहु गुणों के होने का उदाहरण (२६५):

११--ग्यारहवाँउल्लास:
२६७-२६६,
 

अतिशयोक्ति-यादि अलंकार तथा अतिशयोक्ति-भेद वर्णन (२६७), प्रथम भेदकातिशयोक्ति लक्षण वर्णन (२६९,) उदाहरण वर्णन (२७०),द्वितीय संबंधातिशयोक्ति लक्षण वर्णन, प्रथम योग्यायोग्य रूप में संबंधा-तिशयोक्ति की कल्पना का उदाहरण (२७२), द्वितीय अयोग्य से योग्य की कल्पना रूप संबंधातिशयोक्ति वर्णन (२७४), तृतीय चपलातिशयोक्ति लक्षण, उदाहरण वर्णन (२७६), चतुर्थ श्रक्रमातिशयोक्ति लक्षण-उदा- हग्ण वर्णन (२७६), पंचम अत्युक्ति लक्षण-उदाहरण वर्णन (२८०),अत्यंततिशयोक्ति लक्षण (२८१), उदाहरण वर्णन (२८२), अतिशयोक्ति के अन्य भेद वर्णन, प्रथम संभावनातिशयोक्ति उदाहरण वर्णन (२८३),उपना-अतिशयोक्ति लक्षण-उदाहरण वर्णन (२८४), सापन्हवातिशयोक्ति लक्षण वर्णन (२८५), उदाहरण वर्णन (२८६), रूपकातिशयोक्ति लक्षण वर्णन (२८७),उदाहरण वर्णन (२८८),उत्प्रेक्षा में अतिशयोक्ति का वर्णन (२८९), उदात्त-अलंकार लक्षण (२६०), प्रथम उदात्त उदाहरण वर्णन, द्वितीय उदात्त-बड़ों के उपलक्षण में कथन (२६१), अधिक-अलंकार लक्षण-उदाहरण वर्णन, द्वितीय उदाहरण वर्णन-आधेय से आधार की अधिकता में (२६२), अल्पालंकार वर्णन (२६३), उदाहरण वर्णन (२६४), दूसग उदाहरण विशेष का-एक ही से बहु की सिद्धता में..."(२६६):

१२. बारहवाँ उल्लास:
२६७-३२४,
 

अन्योत.यादि अलंकार वर्णन, अन्योक्ति-अंतर्गत अप्रस्तुत-प्रशंसा