पृष्ठ:काव्य-निर्णय.djvu/२६

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वर्णन (२६७), प्रथम प्रस्तुत-अप्रस्तुत वर्णन, प्रस्तुत प्रशंसा, समासोक्ति लक्षित प्रस्तुतांकुर वर्णन (२९९), व्याजस्तुति लक्षण, अप्रस्तुतप्रशंसा-वर्णन का प्रथम भेद-कार्य-मिस कारण का उदाहरण ( ३००), अप्रस्तुत-प्रशंसा का द्वितीय भेद कारण-मुख कार्य कथन, तृतीय भेद सामान्य मुख विशेष उदाहरण ( ३०२), विशेष मुख सामान्य का उदाहरण (३०३), तुल्यप्रस्ताव में तुल्य का उदाहरण (३०४), शब्द शक्ति से अप्रस्तुता-प्रशंसा का उदाहरण, प्रस्तुतांकुर रूप कार्य-कारण दोनों अप्रस्तुतों का उदाहरण (३०५ ), समासोक्ति लक्षण वर्णन (३०६), प्रथम समासोक्ति उदाहरण ( ३११), श्लेष से समासोक्ति का दूसरा उदाहरण (३१२), व्याजस्तुति लक्षण ( ३१३), व्याजस्तुति-भेद वणन (३१४), व्याजस्तुति, स्तुति-व्याज निंदा का उदाहरण, स्तुति-व्याज स्तुति का उदाहरण-निदा-व्याज निंदा का उदाहरण (३१५ ), व्याजस्तुति और अप्रस्तुत-प्रशंसा का संमिलित उदाहरण (३१६ ),आक्षेपालंकार वर्णन,-भेद वर्णन ( ३१७, प्रथम आक्षेप आयुस के व्याज से बरजना उदाहरण( ३२०), द्वितीय आक्षेप रूप निषेधाभास का उदाहरण, तृतीय आप रूप-निज कथन के दूपण-भूषण का उदाहरण (३२१), पर्यायोक्ति-वर्णन ( ३२२), प्रथम रचना से वेणशब्दार्थानुरूप प्रकार का उदाहरण,दूसरा उदाहरणा--व्याज से कार्य-साधन का ( ३२३ ):

१३. तेरहवाँ उल्लास:
३२५-३५६,
 

विरुद्धालंकारादि वर्णन (३२५ ), प्रथम विरुद्धालंकार वर्णन,-भेद वर्णन ( ३२६), जाति-जाति से विरुद्धालंकार वर्णन, जाति से क्रिया रूप विरुद्धालंकार वर्णन, (३२७), तृतीय जाति से द्रव्य रुप विरुद्धालंकार वर्णन,चतुर्थ गुण से गुण विरद्धालंकार वर्णन, पंचम-क्रिया से क्रिया रूप विरुद्धालंकार वर्णन ( ३२८), छटवाँ गुण से क्रिया रूप विरुद्धालंकार वर्णन, सप्तम--गुण से द्रव्य में विरुद्धालंकार वर्णन, अष्टम क्रिया से द्रव्य रूप विरुद्धालंकार वर्णन, नवम द्रव्य से द्रव्य रूप विरुद्धालंकार वर्णन, विरुद्धालंकार की संसृष्टि-उदाहरण-( ३२९ ),विभावनालंकार वर्णन ( ३३३ ), विभावना-भेद वर्णन (३३३ ), प्रथम विभावना--कारण विना कार्य कथन का उदाहरण, द्वितीय विभावना अल्प--अल्प कारण से विशेष कार्य होने का उदाहरणा, तृतीय विभावना-कारण से रोकने पर भी कार्य होने का उदाहरण (१३४),चतुर्थ विभावना-अकारण बस्तु से कारण के होने का उदाहरण (३३५), पाँचवीं