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पृष्ठ:काव्य-निर्णय.djvu/३१

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प्रथम गुप्तोत्तर चित्रालंकार लक्षण-उदाहरण (५७७), पुनः उदाहरण,व्यस्त-समस्तोत्तर लक्षाणा-उदाहरण (५७८), एकानेकोत्तर लक्षा-उदाहरण (५७६), नागपासोत्तर लक्षा-उदाहरण (५८०), क्रमसमस्त.व्यस्त लक्षाणा-उदाहरण। (५८१), कमल-बंध लदाणा-उदाहरणा (५८२),शृंखला-बंध-उत्तर लक्षण-उदाहरण। (५८३), द्वितीय स्खला-बंध उत्तर लक्षा--उदाहरण (५८४), चित्रोत्तर वर्णन उदाहरण (५८५),बहिर्लापिका उदाहरण (५८६), पाठांतर चित्रालंकार लक्षण, वर्णन-लुप्त उदाहरण (५८७), मध्य-वर्ण लुप्त उदाहरणा, वर्ण-विपर्यय उदाहरण (५८८), निरोष्टमत्तादि चित्रालंकार लक्षणा (५८६), निरोष्ठ उदाहरणा,अमत्त (मात्रा-रहित) चित्रालंकार लक्षा-उदाहरण (५९०), निरोष्ठा-मत्त लक्षण-उदाहरणा, अजिह्वा लक्षणा-उदाहरण (५६१), नियमित वर्ण चित्रालंकार लक्षण, एक-वर्ण निर्यामत उदाहरणा, द्वि-वर्ण नियमित उदा- हरण, तृवर्ण नियमित उदाहरण (५६२), चार वर्ण नियमित उदाहरण,पाँच वर्ण-नियमित उदाहरण, छह वर्ण नियमित उदाहरण, सात वर्ण नियमित उदाहरण (५६३), लेखनी चित्रालंकार वर्णन (५६४), प्रथम खड्गबंध चित्रालंकार उदाहरणा, कमल-बंध चित्रालंकार उदाहरणा (५६५),कंकन-बंध-उदाहरण, डमरू-बंध उदाहरण (५६६), चंद्र-बंध उदाहरणा (५६७), द्वितीय चंद्र-बंध उदाहरणा, चक्र-बंध उदाहरणा (५६८), द्वितीय चक्र-बंध उदाहरण (५६६), धनुप-बंध उदाहरण (६०१), हार-बंध उदाहरण। (६०२), मुरज-बंध उदाहरणा, छत्र-बंध उदाहरणा (६०३), पर्वत-बंध उदाहरण। (६०५) वृन-बंध उदाहरण (६०६), कपाट बंध उदाहरणा, अर्ध-गतागत चित्रालंकार लक्षण (६०८), उदाहरणा, द्वितीय उलटा-सीधा उदाहरणा (६०६), पुनः उदाहरणा, दो से उलटा-सीधा उदाहरण, पुनः सीधा-उलटा उदाहरण (६१०), त्रिपदी चित्रालंकार लक्षण-उदाहरण (६११), द्वितीय त्रिपदी उदाहरण, मंत्र-गति उदाहरण (६१२), अश्व-गति उदाहरणा, सुमुख-बंध चित्रालंकार वर्णन (६१३),सर्वतोमुख चित्रालंकार वर्णन (६१४), कामधेनु चित्रालंकार लक्षण-उदाहरणा, चरणा-गुप्त उदाहरणा (६१५-१६), चित्र-काव्य मध्ये भूपण- अलंकार संख्या वर्णन (६१७):

२२-बाईसवाँ उल्लास:
६१६-६२६,
 

तुक (अनुप्रास) निर्णय वर्णन (६१६), प्रथम सम-सर तुक उदाहरण (६२०), द्वितीय विषम-सर तुक उदाहरण। (६२१), तृतीय कष्ट सर तुक