पृष्ठ:काव्य दर्पण.djvu/९

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विषय-सूची PV काव्यशास्त्र की भूमिका-उपक्रम १, आक्षेप २-१५, कवि १५, काव्य या कविता १६, पाठक पाठक की सहृदयता १८, कविता आवश्यक है १६, कविता और चेतन व्यापार २०, काय और भापा २१, काव्य का लक्ष्य आनन्द २२, आनन्द और रस २३, रसात्मक काव्य-लक्षण २४, काव्य के विभिन्न रूप २५, काव्य और काव्याभास २७, काव्य और कना २८, काव्य और ललित कला ३१, • काव्यकला के प्रवाद वाक्य ३२, काव्य और संगीत ३४, काव्य और कल्पना ३५, काव्य और वक्रोक्ति; काव्य और अनुकरण ३७, काव्य और नाटक ३६, शब्द ४१, अर्थ ४३, तीन प्रकार के अर्थ ४४, साहित्य ४६, विभाव और रूप- रचना ५३, अनुभव ५५, भाव ५६, स्थायो और संचारी ५८, हृदय-संवाद और वासना ६०, रस ६१, रस-भाव ६३, साधारणीकरण ६५, रस और सौन्दर्य २६६, रस के काल्पनिक भेद ७०, शैली; गुण ७३, अलंकार ७५, उपसंहार ७८ । प्रथम प्रकाश ४ रूढ़ि लक्षणा काव्य ५ गौणी और शुद्धा • छाया विषय पृष्ठ ६ उपादान लक्षणा और १ साहित्य लक्षरण-लक्षणा - साहित्य-काव्य शास्त्र ७ सारोपा लक्षणा ३ काव्य के फल ८ गूढव्यंग्या और अगूढ़व्यंग्या ४ काव्य के कारण ६ धर्मि-धर्म-गत लक्षणा ५ काव्य क्या है ? १० अभिधा और लक्षणा ६ काव्य-लक्षण-परिक्षण १० (ग) व्यञ्जना ७ कवि, कविता और रसिक १३ दूसरा प्रकाश ११ शाब्दी व्यञ्जना १२ आर्थी व्यञ्जना V(क) अभिधा तीसरा प्रकाश रस १ शब्द २ शब्द और अर्थ १६ १ रस-परिचय (ख) लक्षणा . २ रस-रूप की ध्याख्या ३ लक्षक शब्द २२ - ३ विभाव-आलंबन . . २८ ३० mr Maru WWW. m me ३५ अर्थ थ ३ १७ ४६