१७०७ में ८८ वर्षको अवस्था में औरंगजेब मर गया और सुग़लों का सौ- भाग्य भी उमो के साथ कब्र में समाहित हुआ । ___ औरंगज़ ब के तीन लड़कों में से प्राज़म और मुअजम दोनों हो बादशाह बन बैठे किन्तु श्राज़म लड़ाई में मारा गया और कामबरश भी दक्खिन में मारा गया, इम से सुअज्ज़म ही बहादुर शाह के नाम से बादशाह हुवा, इम ने उदयपुर महाराष्ट्र प्रादि प्रबत राजों से सन्धि को। सिक्खों ने इस के समय में भी बड़ा उपद्रव किया। बहादुर शाह पांच वरस राज कर के मर गया । एस के पीछे सभी बादशाह बनने लगे और बहुत सा रुधिर बहने के पोछे (१७१२) जहांदार घाह बादशाह हुअा। यह भी सान्त भर नहीं रहा कि इस का भतीजा फरुखसियर इस को सपरिवार मार कर आप बादशाह हो गया ( १७१३) इस के समय में भाई बन्दा नामक सिख बड़ी धर्मबीरता से मारा गया । १७१८ में सैयद अब्दुल्ला और सैयद हुसैन जो इस के मुख्य महायक थे इस से बिगड़ गए और फरसियर मारा गया। सैयदों ने रफ़ी- उल्दरजात और रफिउन्नशान को सिंहासन पर बैठाया किंतु वे चार चार महीने में मर गए। जहांदार और फल रन सियर ने इतने शहजादे मार डाले थे कि सैयदों ने बड़ी कठिनता से रोशनअखतर नामक एक शहजादे को ग्लोज कर कैद से निकाला और मुहम्मदशाह के नाम से बादशाह बनाया १७१३ घिद्रोह चारो ओर फैल गया । १७२० में मालवा और १७५५ में हैद. रावाद खतंत्र हो गए । सैयद लोग इस के पूर्वही मारे जा चुके थे। इधर भरतपुर में जाटों ने नया राज स्थापन कार को लूटपाट भारभ कर दो। इधर प्रतापशाली बाजीराव पेशवा ने दिल्ली के हार तक जीत कर 'चवल के द- क्षिण का मच देश अपने अधिकार में मिला लिया १७३७ इस के सर्दारों में मे हुन्न कर ने इंदौर, सेन्धिया ने ग्वालियर गायकवाड़ ने बड़ोदा और भोंसला ने नागपुर राज्य स्थापन किया। इसी समय ईश्वर के क्रोध का एक पंचम अवतार ईरान का बादशाह नादिरशाह हिन्दुस्तान में पाया. कारनाल में सुहम्मदशाह ने इस से मुकाबिला किया किन्तु जब हार गया तो नादिरशाह के पास हाजिर हुआ. नादिर ने इसका बड़ा शिष्टाचार किया. दोनों बादशा- ह माथ ही दिनो आए. उस समय दिल्ली ऐसे निकम्मे और लुच्चे लोगों से भरी हुई थी कि दमरे ही दिन लोगों ने यह गप्प उड़ा दी कि नादिरशाह मारा गया. बदमाशों ने उस के मनुष्यों को काटना आरम्भ कर दिया. इस
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