पृष्ठ:काश्मीर कुसुम.djvu/३५२

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श्रीमती महारानी के राजराजेन्दरी दी पदवी लेने के उत्सव में गवरमेन पाव इन्डिया ने हिन्दुस्तान के रईसों और साधारण लोगों पर जो अनेक अनुग्रह किये हैं उन्हें हम संक्षेप के साथ नीचे लिखते हैं।

सलामी

जश्न, ग्वालियर, इंदौर, उदयपुर और त्रावणकोर के महाराजों की सलामी रन की जिन्दगी भर के लिये १८ के बदले २१ तोप की हो गई, और महाराज जयपुर की १७ से बढ़ कार २१ । ।

जोधपुर और रीवां के महाराजों के लिये उन की जिन्दगी भर को १७ से बढ़कर १८ तोप की सलामी हो गई।

किशुनगढ़ और उर्जा के महाराजों की सलामी उन के जीवन समय के लिये १५ तोप के बदले १७ हो गई, और नौवाब टोंक की ११ से बढ़ कर १७ सुपाल की बेगम के पति और हैदराबाद के शम्मुल उसरा नामी दुसरे मंत्री की सलामी नए सिर से १७ तोप की नियत हुई।

नौवाब रामपुर की सलामी उमर भर के लिये १३ से १५ तोप हुई, और भाव नगर को ठाकुर, नवा नगर को जाम, जूनागढ़ के नौवाब और काठियावाड़ के राजा की ११ से बढ़ कर १५ । भारकट को शहजादे और वेगस भूपाल की सम्बन्धिनी कुदसिया बेगम को १५ तोप को सलमी नए सिर से सुवारर हुई

महाराज पन्ना, राजा जींद और राजा नाभा की ११ से १३ तोप की सलामी जिन्दगी सर के लिये हो गई और महारानी तंजौर और महाराज बर्दवान को नए सिर से १३ तोप की सलामी मिली।

सकला के नकोब और शिवहर के जमादार को १२ तोप की सलामी उमर भर के न्ति ये मिली।

मलेरकोटला के नौवाब को सजासी ज़िन्दगी भर के लिये से ११ हो गई, और मुरदो के ठाकुर साहिब और टिहरी के राजा के लिए नए सिर से ११ तोप की सलामी कायम हुई।

नीचे लिखी हुई जगहों के राजाओं, सरदारों या ठाकुरों को जीवन समय के लिये नए सिर से बोर तोप की सलामी मिली-

धरमपुर, प्रोल, बलरामपुर, बंसडा, विदोंदा, गोदाल, जंजीरा, ख़रीद,