पृष्ठ:कुसुमकुमारी.djvu/२२४

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तारा। क्षत्रकुल कमलिनी ऐतिहासिक-उपन्यास. हिन्दी में इसके समान एक भी ऐति- हासिक उपयास नहीं है। एक बार पुस्तक हाथ में उठा लेने पर फिर समाप्त किए बिना चित्त ही नहीं मानता जिन लोगों को उपन्यासों के पढ़ने का शौक है, उन्हें इस उपयास को अवश्य पढ़ना चाहिए । तीन भाग की बड़ी पुस्तक का मूल्य केवल हेढ़ रुपया और डाक खर्च तीन माने हैं। आप इसे अवश्य पढ़िए । मिलने का पता- मैनेजर,-श्रीसुदर्शनप्रेस, वृन्दावन