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कोड स्वराज

आज की दुनिया तकनीकी दुनिया है। टैक्नीकल पब्लिक सेफ्टी स्टैण्डर्स में नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया, स्टैण्डर्स फॉर द सेफ्टी ऐप्लिकेशन ऑफ पेस्टिसाइड्ज़,स्टैण्डर्स फॉर प्रोसेसिंग स्पाइसेज एंड फुड, स्टैण्डर्स फॉर द प्रौपर ऑपरेशन ऑफ टेक्सटाइल मशीन्स, द सेफ्टी ऑफ ब्रिजेज एंड रोड, आदि शामिल हैं।

इनमें से कई मानक कानून के रूप में हैं या उनको मानना कानूनन अनिवार्य है। ये सभी कानून हैं। सीमेंट, घरेलू बिजली के उत्पाद, खाद्य उत्पाद और वाहनों के पुर्जे आदि ऐसे दर्जनों उत्पाद हैं, जिन्हें भारत में तब तक नहीं बेचा जा सकता जब तक वे भारतीय मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं।

ऐसे कानूनों की जानकारी अनिवार्य है जो फैक्टरियों और उत्पादों को सुरक्षित रखता है और भारत में, और विश्व में कारोबार करने के लिए अनिवार्य है। जब तक आप इन्हें नियमों के अनुसार नहीं बनाते हैं, तब तक इन्हें भारत में नहीं बना सकते हैं। ये सभी कोड, कानून हैं।

लेकिन यह अर्थव्यवस्था से आगे की बात है। भारतीय मानक यह स्पष्ट करते हैं कि भारतीय शहरों और गांवों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है, खतरनाक सामाग्री का परिवहन कैसे किया जा सकता है, आग लगने की स्थिति में स्कूलों और सार्वजनिक इमारतों में उपयुक्त निकास की सुविधा को किस तरह प्रदान की जाय, बिजली के तारों को सुरक्षात्मक तरीके से कैसे लगाएं। इस सरकारी जानकारी को प्रत्येक शहर के अधिकारी, स्कूल प्राचार्य, इमारतों के मालिकों और संबंधित नागरिकों तक पहुंचनी चाहिए।

यह बात केवल अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक सुरक्षा की नहीं हैं बल्कि यह शिक्षा की बात भी है। भारतीय मानक भारत की तकनीकी दनिया के बेस्ट कोडिफाइड नॉलेज का । प्रतिनिधित्व करता है। इन मानकों का निर्माण प्रख्यात इंजीनियरों, सिविल कर्मचारी और प्रोफेसरों द्वारा किया गया था, जिन्होंने स्वेच्छा से समय देकर यह काम किया। ये मानक महत्वपूर्ण शिक्षात्मक साधन हैं, जिनका प्रयोग भारतीय विश्वविद्यालयों के साठ लाख इंजीनियरिंग छात्र करते हैं।

भारतीय मानकों के लिए, हमने सामान्य रूप से दस्तावेजों को स्कैन करने और पोस्ट करने से अधिक काम किया है। लगभग 1,000 मुख्य मानकों को मॉर्डन एच.टी.एम.एल में बदल दिया गया है। हमने चित्रों (डाइग्रामों) को ओपन एस.वी.जी फॉर्मेट में दुबारा से बनाया है, हमने फिर तालिका (टेबल) को उसके अनरुप बनाया है। जिसका अर्थ है कि आप अपने मोबाईल फोन पर मानकों को देख सकते है और उच्च गुणवत्ता वाले चित्रों को काट कर चिपकाना, और अपने लेख या शोध पत्र या सॉफ्टेवयर प्रोग्राम में इन चित्रों को शामिल करना आसान हो जाता है। इससे वे अधिक उपयोगी हो गये हैं।

केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में टैक्नीकल पब्लिक सेफ्टी लॉ काफी उँचे दामों पर बिकते हैं। उनमें से अधिकांश अपने कॉपीराइट कानून का प्रयोग करके उसकी नकल करने पर नोटिस भेज देते हैं। उदाहरण के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया की कीमत 13,760 रूपये अर्थात् 213 डॉलर है, यदि इसे भारत में खरीदा गया, और यदि इसे भारत से बाहर खरीदा गया तो इसकी कीमत 1.4 लाख रूपये होगी अर्थात् 2,000 डॉलर होगी।

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