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खग्रास

व्यक्तियो ने जन्म लिया और केवल ६.१ करोड़ मरे। इस अनुपात से ४७ करोड़ की वृद्धि हुई। अब स्वास्थ्यवर्धक जो नए उपादान पाए है, उनसे मैं समझता हूँ कि सन् १९८० में विश्व की जनसख्या ४ अरब हो जायगी और सन् २००० में साढे पाँच अरब? अब कहिये इन्हे खाने को कहाँ से आएगा?"

"हम कैमिकल फूड भी तो बना रहे है। जब हमारे सारे ही रहन- सहन का ढाँचा बदल जायगा तो भोजन भी बदलेगा ही और मनुष्य कैमिकल फूड की कुछ गोलियाँ खाकर हफ्तो भूख-प्यास से छुट्टी पा जायगा।"

"अजी आप फजूल ही हफ्तो-महीनो के चक्कर मे पड़ते है। हमेशा के लिए ही आदमी से छुट्टी क्यों नहीं ले लेते?"

"हमेशा के लिए कैसे?"

"बहुत आसान है। आपके इतने हाइड्रोजन बम और एटम बम भला कब काम आयेगे? अब लड़ाई-बड़ाई का तो कोई ढंग हमे दीख नहीं रहा---आप लोग पचास बरस तक यो ही खम ठोकते रहेगे। मेरी बात मानिए, खुदा के नाम पर एक दम सारे एटम और हाइड्रोजन बम दुनिया के कोने-कोने मे छोड़ दीजिए, और सब आदमियो का खात्मा कर दीजिए।"

"इससे क्या लाभ होगा?"

"बस हम तुम और हमारे यार दोस्त जो बच रहेगे, वह इतमीनान से मक्खन टोस्ट खाएँगे। आप लोगो की भी सिर दर्दी बच जाएगी। और हमारी आगे आने वाली पीढी एकदम पाँच हजार बरस पुरानी हमारे बुजुर्गों की पीढी में आ मिलेगी।"

"आज आप मूड में है मिस्टर डे।"

"खैर छोड़िए आप इन बातो को। रूस ने एक और मशीन बनाई है।"

"वह कैसी है?"

"वह एक टेलीवीजन है, जो पानी के भीतर काम करेगा। और समुद्री जीव जन्तुओ के बारे में अध्ययन करेगा। यह टेलीवीजन केमरा