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खग्रास

विचित्र थी। लिज़ा का हृदय धड़कने लगा। इसी समय इंजन गड़गड़ाया। इंजीनीयर ने दौड़ कर उसका दोष दूर किया। जोरोवस्की ने कहा—"हमारे पास पैट्रोल तो काफी है?"

"हाँ, परन्तु उसके जम जाने का खतरा है।" चालक ने कहा।

जोरोवस्की ने देखा—सामने विस्तृत बर्फ का मैदान है। दूर बर्फ की दीवार नज़र आ रही है। उसने चालक को फारिग किया—और संचालक के स्थान पर बैठ गया। पूर्व दिशा में ऊँची-ऊँची धवल बर्फ की चोटियों का अनन्त सिलसिला चल रहा था—जो धुन्ध से धुंधली हो रही थी। वायुयान के भीतर ठण्ड बढ़ती जा रही थी। वायुयान ठीक दक्षिण दिशा को जा रहा था। एकाएक जोरोवस्की ने दिशा सूचक यन्त्र की ओर देख कर कहा—"हम ध्रुव क्षेत्र के निकट है।"

चालक ने वायुयान की पिछली कोठरी में आकर जरा कमर सीधी की थी कि वह उछल कर एजिन के निकट आ गया। वह खिड़की के बाहर झाकने और हर्षध्वनि करने लगा। लिजा का हृदय धड़क रहा था। जोरोवस्की ने कहा—"लिज़ा डार्लिंग हम ध्रुव पर हैं। सोवियत झंडा नीचे फेंक दो।"

झंडा फेक दिया गया। "अब हमे अपना केम्प देखना है।" लिज़ा ने कैम्प से सम्बन्ध स्थापित किया। वह ध्रुव क्षेत्र में उड़ रहे हैं इसकी सूचना दी। कैम्प और मास्को से हर्ष ध्वनि आ रही थी। और अब कैम्प से उन्हें नियन्त्रण में लिया जा रहा था।

अब वे लौट रहे थें। किन्तु जोरोवस्की यह देखने के लिए कि कहीं वहाँ भूमि या नगा समुद्र भी है—चारो और चक्कर काट रहा था। लिज़ा अत्यन्त व्यस्त भाव से सन्देश का आदान प्रदान तथा चित्रों का संकलन करती जा रही थी। एकाएक उन्हें रेडियो बुर्ज दिखाई दिया। लिज़ा चिल्लाई—"हम कैम्प पर पहुँच रहे हैं।" वे निर्विघ्न कैम्प में उतर गये। कैम्प में प्रोफेसर ने जोरोवस्की का स्वागत किया। और लोगों ने करतलध्वनि के साथ उसे कन्धों पर उठा लिया।