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खग्रास

सम्बन्धी औजार और सम्वाद-सम्वाहक यन्त्र भी थें। किन्तु यह जहाज उन्हें यहाँ से सत्तर मील दूर ही छोड़ देना पड़ा था। वहाँ से वह दल पाँच टैक्टरो में यहाँ तक आया था। उनके साथ तीन कुत्तों की गाड़ियाँ भी थी। सब ट्रैक्टर पैट्रोल से चलते थें। उनमें मनचाही गर्मी पैदा की जा सकती थी। कुत्ते सब इसी बर्फानी यात्रा के अभ्यस्त और शिक्षित थें। आवश्यक यन्त्रों के अतिरिक्त खाने पीने का सामान तथा औषधी भी यथेष्ट मात्रा में उन्होंने साथ लिया था। यहाँ अपना शिविर स्थापित करके उन्होंने समुद्री जहाज और मास्को से रेडियो सम्पर्क स्थापित किए। आज ध्रुव प्रदेश में आये उन्हें दसवाँ दिन था। इस बीच वे बहुत चित्र खींच चुके थें। एक सशक्त जेट हवाई जहाज और दो हैलीकोप्टर भी उनके साथ थें। यहाँ आने के दूसरे ही दिन उन्होंने हवाई जहाज तथा हैलीकोप्टर द्वारा पूरे द्वीप का चक्कर लगा डाला था। यहाँ की अतुल खनिज सम्पत्ति के भण्डार के सम्बन्ध मे डा॰ कुरशानोव एक रिपोर्ट तैयार करने की तैयारी कर रहे थें। उन्होंने अनेक योजनाओं पर भी विचार किया था।

मद्धिम श्वेत प्रकाश चारों ओर फैला हुआ था। चाय पी कर तीनों व्यक्ति अपने प्लास्टिक के एअर-कन्डीशन्ड टेण्ट में बैठे विचार-परामर्श कर रहे थें। सामने टेबुल पर ध्रुव प्रदेश का नक्शा फैला हुआ था। डा॰ कुरशानोव अपनी नोट बुक में कुछ लिखते जाते थें, और नक्शे में स्थान-स्थान पर पिन लगाते जाते थें। जोरोवस्की बड़ी सावधानी से एक-एक इंच भूमि की सही पैमाइश कर रहे थें। लिजा ध्यान से इन लोगों का काम देख रही थी। साथ ही सिगरेट का धुँआ उड़ा रही थी। डाक्टर ने सिर उठा कर कहा—

"इसमें कोई सन्देह नहीं कि समुद्र की सतह से ऊपर ध्रुव के नीचे धरा पर चट्टानें बिछी हुई है। कल टी॰ एन॰ डी॰ का हमने जो विस्फोट किया था, उसका हिसाब लगा कर मैंने देख लिया-विस्फोट की ध्वनि-तरंगों को बर्फ के नीचे ठोस चट्टान तक पहुँचने और वापस आने में कुछ सैकेण्ड लगे। इसी पर जो मैने हिसाब लगाया है, उसका निष्कर्ष यह निकला है कि चट्टानों की परत समुद्र तल से ९०३ फीट तक ऊँची है। और उनके ऊपर