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पृष्ठ:खग्रास.djvu/२२५

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खग्रास


"तो जाने दो, सूट गन्दा हो जाने से क्या मैं डाक्टर कैरोल विलियम्स नहीं रहूँगा?"

उनकी पत्नी उन्हें एक प्रकार से खींचती हुई कार तक ले आई। कार में बैठने पर उसने कहा—"सूट ट्रेन में बदल लेना। लेकिन खाना खाया?"

"कहाँ? फुर्सत ही नहीं मिली। आज कैसे रेशम के कीड़ों के पेट से 'अमृत रस' निकाल लिया।" डाक्टर कैरोल विलियम्स यह कह कर आप ही हँसने लगे।

पत्नी कुछ देर चुप रही। फिर उसने कहा—"यह अमृत रस तुम्हारे भी कुछ काम आएगा?"

"अफ़सोस, कि नहीं। यह तो कीड़ों पर ही लागू हो सकता है । मनुष्यों पर नहीं।"

"मनुष्यो पर क्यों नहीं?"

"मनुष्यों का बुढ़ापा रोकने वाले अमृत रस की खोज हो रही है। पर अभी मुझे और मेरे मित्रों को सफलता नहीं मिली है।"

"तो तब तक तुम्हें खाना-पीना तो ठीक समय पर करते रहना चाहिए जिससे तन्दुरुस्ती ठीक रहे।"

"तुमने ठीक कहा। मैं अवश्य ख्याल रखूँगा।"

ट्रेन प्लेटफार्म पर आ गयी थी। पत्नी ने कहा—"जल्दी करो, ट्रेन छूटने में अब देर नहीं है।"

"तुमने खूब याद दिला दी, वरना हम रह ही जाते।" और वे पत्नी का हाथ थाम कर ट्रेन में जा बैठे।

डाक्टर कोल्टन से मुलाकात

वैस्टिङ्ग हाउस अनुसन्धान प्रयोगशाला के अपने निजी कक्ष में विद्युदणु-तथा अणु-विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा॰ जान कोल्टन बड़ी बारीकी से हाल ही में बनाई अपनी सबसे छोटी अणु भट्टी का सूक्ष्म परीक्षण कर