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खग्रास

बड़े पैमाने पर शान्तिमय और प्रभावशाली आन्दोलन द्वारा भारत को स्वतन्त्रता दिलाई, जो संसार की अभूतपूर्व राजनेतिक घटना है।" भूदेव ने स्थिर स्वर मे कहा।

"अमेरिका ने भी बहुत पहले ऐसी ही स्वतन्त्रता प्राप्त की थी।"

"हॉ, पर वहाँ की अवस्थाएँ भिन्न थी। हमारी शान्त-क्रान्ति की भावना हमे विरासत में मिली है और आज के भारतीय इसी क्रान्ति की उपज है और हमारे कार्य आज उसी से प्रभावित है।"

"क्या राजनीतिक स्वाधीनता प्राप्त करने के बाद भारत हर तरह अपने को स्वतन्त्र समझता है? और वह अन्य स्वतन्त्र देशो के समान है?" स्मिथ ने पूछा।

"हम आज अपने देश की बहुत सी खराबियो को दूर करने मे लगे है जिनसे हमारा देश पीडित है। हम अपनी दरिद्रता मिटा रहे है, और लोगो के रहन-सहन को ऊँचा उठा रहे हे तथा उन्हे उन्नति और विकास के पूर्ण व समान अवसर प्रदान कर रहे है।"

"क्या आप मानते है कि अमेरिका मे प्रचण्ड शक्ति, तेज और प्रगति है?" स्मिथ ने कहा।

"हम समझते है कि अमेरिका में प्रचुर शक्ति, तेज और प्रगति की भूख है, परन्तु भारत ने अपने भीतर जो क्रियाशक्ति की तीव्र आकाक्षा उत्पन्न करली है, उसके साथ उसमे जीवन के नैतिक और आध्यात्मिक पहलू को कायम रखने की प्रवृत्ति भी कायम है।" भूदेव ने जवाब दिया।

"आपके देश का इस प्रकार क्या आर्थिक विकास हो रहा है?"

"हम बड़ी तेजी से सोद्देश्य प्रायोजन द्वारा अपने देश के आर्थिक विकास मे लगे हुए है। हम अपने लोकतन्त्री सिद्धान्तो और परम्पराम्रो का पालन करते हुए, स्वतन्त्र विचार-विनिमय और परामर्श द्वारा अपनी जनता का ऐच्छिक व क्रियात्मक सहयोग प्राप्त कर रहे है और इसके परिणाम- स्वरूप हम अपनी दूसरी अत्यधिक महत्वाकाक्षी पंचवर्षीय योजना पर अमल