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पृष्ठ:खग्रास.djvu/३२७

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खग्रास

सकता है, हमारा ज्ञान और पूँजी अभी कम हो, परन्तु हमारे पास शक्ति है और उनको प्राप्त करने की इच्छा है। इसलिए बेहतर है कि हम समान स्तर पर वार्ता करे और यदि ऐसा किया जायगा तो सभी प्रश्नो का समाधार हो जायगा।"

"क्या रूस युद्ध नही चाहता?" स्मिथ ने जरा तीखी नजर से जोरोवस्की को देखा।

"निस्सदेह, रूस युद्ध नहीं चाहता, परन्तु रूस यह भी नहीं चाहता कि वह आत्म समर्पण कर दे।"

"परन्तु बर्लिन के सम्बन्ध मे रूस ने जो विचार व्यक्त किए है, उनसे तो यह स्पष्ट होता है कि सोवियत संघ समझौतो को कागज के टुकडो से अधिक महत्व नही देता और सोवियत संघ का यह रुख विश्व शान्ति की स्थापना में बाधक है।"

"मैने अमेरिका के राष्ट्रपति की वह घोषणा पढी है जिसमे उन्होने यही संकेत करते हुए अमेरिकी सेना पर राष्ट्र की कुल आय का ७५ प्रतिशत खर्च करने की मांग की है। परन्तु मेरी दृष्टि मे अमरीकी सरकार का यह रुख दृढता का द्योतक नही, भय का द्योतक है।" जोरोवस्की के स्वर मे व्यग्य झलक रहा था।

"परन्तु हमारे राष्ट्रपति सोवियत रूस से बातचीत कर ऐसा समझौता करने के लिए यत्नशील है जो निश्शस्त्रीकरण के प्रश्न का हल करने मे सहायक हो सके।" स्मिथ ने व्यग्य को समझकर शान्ति से कहा।

"यह विचार अभिनन्दनीय है, पर जर्मनी के प्रश्न पर अमेरिका की नीति को कुछ हद तक पुनर्विचार करना होगा।"

"परन्तु अमेरिका बर्लिन मे अपने अधिकारो पर दृढ है!"

"इससे अमेरिका को कुछ लाभ नहीं होगा। रूस पश्चिमी बर्लिन को पूर्व और पश्चिम से स्वतन्त्र करना चाहता है।"

"क्या आप यह स्वीकार नही करना चाहते कि फर्वरी १९४६ मे एक