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खग्रास


"तुम्हारा क्या खयाल है?"

"वाह, क्या आपने दोनो आणविक वैज्ञानिको की भविष्यवाणियाँ नही पढी?"

"कौन वैज्ञानिक?"

"डा॰ केलाग और डाक्टर चार्ल्स शेफर अमेरिका के विकिरण अधिकारी।"

"उन्होने क्या भविष्यवाणी की है?"

"अजी उन्होने एक अमरीकी पत्रिका मे धडल्ले का एक लेख लिखा है जिसमे बताया गया है कि यदि अमेरिका पर आक्रमण हुआ तो उद्जन बम के प्रथम विस्फोट ही मे अमेरिका के पाँच करोड़ नर-नारी तत्काल मर जायेगे। और इतने ही व्यक्ति एक वर्ष के भीतर विकिरण के प्रभाव से मर जायेगे।"

"सम्भवत उन्होने यह अनुमान २५०० मैगा टन उद्जन बमो के आक्रमण के आधार पर किया है, क्योकि एक मैगा टन दस लाख टन विस्फोटक पदार्थों के बराबर होता है।" प्रोफेसर ने चिन्तित होकर कहा।

विवाद का रुख दूसरी ओर मुड़ते देखकर भूदेव ने कहा—"किन्तु मित्रो, हमारी सफलता की सबसे बडी आशा इस सार्वदेशिक तथ्य मे है कि संसार की समस्त जनता, जनता के रूप मे, सदैव शान्ति की चाहना से पूर्ण रही है और आज भी वह शान्ति चाहती है।"

"ऐसी दशा मे, समस्या यह है कि इस सार्वदेशिक आंकाक्षा को कियात्मक रूप प्रदान किया जाये।" जोरोवस्की ने ठसक से कहा।

"इस दृष्टि से केवल शान्ति-शान्ति पुकारने से काम नहीं चलेगा। शान्ति के लिए कार्य भी करना होगा।"

"बेशक, किसी लोक-कल्याणकारी वैज्ञानिक कार्यक्रम की शुरूआत से उन साधनो की व्यवस्था सम्भव होगी, जिससे संसार भर के वैज्ञानिक अनुसन्धानो से प्रत्येक देश लाभ प्राप्त कर सकेगा।" भूदेव ने कहा।