सRADHURRAININAसम्ममा सात खून। ( ११६) m- ~vyiwww ने जो रिपोर्ट लिखाई हो, उसे पढ़ो।" - यह सुनकर कोतवाल साथ ने-" बहुत खूष "-कहकर रामदयाल की लिस्नाई हुई रिपोर्ट को यो पढ़ना प्रारम्भ किया,- "हुजूर, मेरा नाम रामदयाल और मेरे जोड़ीदार का नाम कादिर- बख्श है। हम-दोमो रसूलपुर गावं के थाने के चौकीदार हैं। उसी थागे पर, सभी कई घण्टे हुए, माज ही की रात को दो खून होगए हैं। खग दोनों में से एक तो खुद वहांके थागेदार अबदुल्लाखां थे और दूसरे हींगमखां चौकीदार । उन दोनों के खून होमे की खबर हम- लोगों को दुलारी माम की एफ नौजवान लड़की मे दी । इस बात का खुलासा हाल यह है कि, 'कल दिन के दस पाने के समय एक नौजवाम की एक बैलगाड़ी पर बढी हुई रसूखपुर. गा, के थाने पर भाई। उस समय हम सब, अर्थात् हींगन चौकीदार को छोड़कर बाकी के हम-सब तो अपनी फोठरी में थे, सिर्फ हींगन चौकीदार थानेदार के पास था। सो,जब वह लड़की थाने पर पहुंची, सष पहिले उसकी वास-श्रीत हींगन के साथ हुई थी। इसके बाद वह थागेदार के सामने गई थी, ऐसा ही हमलोगों ने हींगम चौकीदार की नवागी सुना था । पर उस लड़की या औरत की हींगन या थागेदार भवदुला के साथ क्या-क्या बात-चीत हुई थी,इसे हमलोग नहीं जान सके, क्योंकि उस वक्त हमलोग वहां पर मौजूद म थे। हां, कुछ देर के बाद साब थाणेदार गे उस लड़की को कैदवाली कोठरी में बंद कर दिया, तब हमलोगों को बुलाकर यह हुकम दिया कि, 'यह लएफी दौलसपुर माम के गावं से भाई है और अपने घर में पांच खून होजाने की बात कहती है । इसलिये मैं तो अभी हींगन चौकीदार के साथ इसके गावं पर उग खूमो की तहकीकात करने के लिये जाता हूं और तुमसभों को यह हुकुम दिए जाता हूं कि पारी-पारी से दो-दो चौकीदार इल खूनी भारत की खूष मुस्तैदी के साथ खबरदारी करना।' यस, तमा . ( १६ ) रा.