पृष्ठ:खूनी औरत का सात ख़ून.djvu/६८

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खूनी औरत का


भेद को सुनो । आज यहां आते ही मैंने पहिले तुम्हें देखा था और तुम्हारे साथ मेरी दो चार बातें भी हुई थीं । बस, उसी समय से तुम्हारी बातें सुनकर मैं तुम पर लट्टू होगई है और खुशी से तुम्हारी बीवी बनना चाहती हूं। इसलिये यदि तुम मुझे अश्दुल्ला के हाथ से निकाल कर कहीं लिया ले चली, तो मैं तुम्हारी ही होकर रहूँगी।"

यह सुनकर हींगन हाथ मलकर यों कहने लगा,--"या इलाही, तो अब मैं क्या करूं और इस वक्त उस जालिम अबदुल्ला के हाथ से क्यों कर तुम्हें बचाऊं?"

मैं बोली,--"हिम्मत बांधो, जी को पोढ़ा करो, कुछ जवां- मर्दी खर्च करों और अबदुल्ला से लड़कर मुझे यहांसे ले भगो । देखो,--सुनो, मैं जो उपाय बतलाती हूं, उसे ध्यान से सुनो। देखो, यह तो तुम्हें मालूम ही है कि इस समय अगदुल्ला ने तुम्हारे मळावे, बाकी के छओं चौकीदारों को अपनी कोठरी में चले जाने के लिये कहा है । इसलिये अह वे छओं चौकीदार आज रातभर कभी कोठरी से बाहर न निकलेंगे। ऐसे मौके को तुम नाहक अपने हाथ से न खोवो और अबदुल्ला को खूष शराब पिला गौर बले बेहोश करके मुझे यहांसे कहीं दूसरी जगह ले चलो। फिर जब हम-दोनों किसी अच्छी जगह पहुंच जायंगे, तब जो कुछ तुम कहोगे, उसे हिना मजुर मैं करूंगी।"

इस उपाय को सुनकर शैतान हींगन उछल पड़ा और बोला,-- "बस, बस, अब तुम कोई सन्देशा न करो और बेफिक्र रहो। पाई, बी दुलारी ! तुमने तर्फीब तो बड़े बाला दर्जे की बतलाई ! बस,सच तुम जरा न डरो और देखो कि मैं क्या करतब कर गुजरता हूं।

हींगम में यह बात कही तो सही, पर उसकी बात पर मुझे कुछ भी भरोसा न हुआ, क्योंकि यह खुद भी इतनी शराब पीए