पृष्ठ:ग़दर के पत्र तथा कहानियाँ.djvu/२२

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पत्र नं. ४ (जिसे हेनरी ग्रेट हेड देहली पर घेरा डालनेवाली फौजों के राजनीतिक सलाहकार ने जॉर्ज कानिकवारेंस के नाम १६ जून, सन् १८५७ को लिखा था।) कैंप घेरा, देहली १६ जून, ५७ ई० प्रिय वारेस! मि० रिचज बृहस्पतिवार के दिन पानीपत चले गए । और, यह समानार मैंने उस समय सुना, जब कि मैं सड़क पर से जा रहा था। उनकी उपस्थिति से किसी हद तक वह भय दूर हो गया था, जो अफसरों और डाक के ठेकेदारों में इस धावे के कारण उत्पन्न हो गया था, जिसे दिल्ली के २०० सवारों की पार्टी ने अलीपुर पर किया था। प्रकट में वे तहसीलदार की तलाश में थे। तहसील में पटियाले के सवारों के छोटे-से दस्ते के जितने घोड़े उपस्थित थे, वे सबको लूटकर ले गए । ज्यों ही पंजाब के बेकायदा सवार पहुँच जायेंगे, हम उनकी कार्यवाही का बदला ले लेंगे। मुझे रोहतक को राजा साहब जींद के चार्ज में रखने से बहुत प्रसन्नता होगी । परंतु सर एच्० बर्नार्ड (अभी) इनकी