गदर के पत्र फौजों को अलग नहीं कर सकते, और इसके विना उनके लिये आक्रमण की चेष्टा करना व्यर्थ होगा। यदि पटियाला कुछ सेना दे सके, और आपको हिसार की तरफ पंजाब से फौजों की नकल व चेष्टा की कुछ खबर न मिले, तो ( उस हालत में) मैं प्रसन्नता से इस बात पर राजी हो जाऊँगा कि इस जिले को अस्थायी रूप से इनकी संरक्षता में दे दिया जाय । ऐसा करना वास्तव में उस प्रजा पर दया करना होगा, जो हाँसी और हिसार दोनो से सहायता की अपेक्षा कर रही है। आपकी इस योजना पर अमल होने से मुझे बहुत आनंद होगा और यदि प्रबंध हो जाय, तो हैं सहाराजा साहब बहादुर की सेवा में खरोता लिख दूंगा। मेरा विचार है कि नवाब साहब झज्जर ने उपचार-रहित रीति से षड्यंत्र रचा है, पर उनका इलाका देहली के उस पार है। ओर, हमें फिलहाल अपना काम निकालना ही चाहिए । नवाब साहब बहादुरगढ़ भाग जाने पर विवश हो गए हैं, और पूर्व शासकों के वंश का कोई शहजादा गद्दी पर बैठा दिया गया है। शेष रईस अपनी तटस्थता बनाए रखने में एड़ी-चोटी का पसीना एक कर रहे है। । सामान हमारे पास बहुत है, रुपए की कमी एक ऐसी कठिनाई है, जिसकी निस्बत हमें श्राशा थी कि देहली फतह हो जाने से जाती रहेगी। दिल्ली सर हो जाने से रुपए मिलने को आशा थी। खजाना और दफ्तर कमसरियट के जो सज्जन .