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पृष्ठ:ग़दर के पत्र तथा कहानियाँ.djvu/३१

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पत्र नं. ७ (जिसे लेफ्टिनेंट डबल्यू० एस० आर० हडसन ने जे० डगलस फारेस्थ डिप्टी कमिश्नर, अंबाले के नाम २६ जुलाई सन् १९५७ को भेजा था।) देहली कैंप २६ जुलाई, ५७

प्रिय कारस्थ,

जो बूढी स्त्री स्वयं इस पत्र के साथ आ रही है, वह दिल्ली के घेरे की संपूर्ण और मूर्तिमान् कथा है । वह हमारे विरुद्ध नगर में जह.द का व्याख्यान देती और आश्चर्यमय रीति से मुसलमान लोगों को उत्तेजित करती थी। अंततः उनकी असफलता से खिन्न होकर वह स्वयं युद्ध-क्षेत्र में उत्तर प्राई । और, सब्ज़ लिबास पहन, घोड़े पर सवार हो, तलवार-बंदूक से सज-धजकर इसने सवारों के एक दस्ते की कमान ली, और ७५वीं पैदल सेना पर आक्रमण किया। सिपाहियों का कथन है कि इस एक का सामना करना ५सिपाहियों का सामना करने से अधिक भयानक था। वे यह भी कहते हैं कि इसने उनके मित्रों में से बहुतों को बंदूक से उड़ा दिया। अंततः बह घायल होकर गिरफ्तार हो गई। जनरल ने पहले से