पृष्ठ:ग़दर के पत्र तथा कहानियाँ.djvu/३२

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गदर के पत्र स्वतंत्रता से चले जाने की आज्ञा देनी चाही थी, पर मैंने उनसे मिन्नत करके कहा कि वे ऐसा न करें-इसलिये कि वह फिर शहर में विजयी रूप से प्रवेश करेगी, और हमारे कब्जे से निकल जाने पर तबस्सुब (हठधर्मी) का तफान बेतमीजी मचा देगी, और निस्संदेह यह प्रकट करेगी कि वह अपनी करामात के कारण बच गई है। इस तरह से जोन माफ पार्क का-सा रुतबा हासिल करेगी। मुझे उसको आपके पास भेजने की आज्ञा मिल गई है, जिससे वह जेल में सावधानी से रक्खी जाय, या जहाँ कहीं आप उचित समझ--जब तक यहां का काम समाप्त न हो, जाय। क्या आप कृपा कर इस बात का खयाल रक्खेंगे कि इसका व्यवहार विश्वसनीय रहे। यह कहते हुए आश्चर्य होता है कि वास्तव में इस बुढ़िया खूसट ने बढ़ा असर पैदा कर लिया था। आपका अधिक विश्वासी- डब्ल्यू० एस० भार० हडसन