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आप बीती की पहली कथा
मुझे बहुत-से घायल अफ़सर रास्ते में मिले, जो बेतहाशा कर्नाल की ओर भागे जा रहे थे। मैंने इनको एक स्वर से यह कहते सुना कि अब कुछ बाकी नहीं, और किसी तरह कोई बचाव की जगह ढूँढ़ना चाहिए।
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