१२६ गीता-हृदय think not. This might have exaggerated the signi- ficance of thc fight which the party of the prole- tariat is carrying on against religion; it might have obliterated the dividing line between the bourgeois and socialist fight against religion इसका अर्थ यह है, "एगेल्मने यह काम एक घोषणाके द्वारा किया, जिसमें उसने जोर देकर बताया कि सोशल डेमोक्रेटिक (मजदूरोकी क्रातिकारी) पार्टी धर्मको व्यक्तिगत चीज वही तक मानती है जहांतक सरकारका इससे ताल्लुक है । लेकिन उसके मतसे मार्क्सवाद या मजदूरों की पार्टीके लिये यह व्यक्तिगत चीज नहीं है।" "क्या डयूमाके हमारे प्रतिनिधि (सरकोफ)को चाहिये था कि आगे बढ जाता और नास्तिकवादपर विस्तारसे बोलता एव खडन-मडन करता ? हम तो ऐसा नहीं समझते। यदि वह ऐसा करता तो मजदूरों- की पार्टीका जो धर्म-विरोधी आन्दोलन और सघर्ष है उसके महत्त्वकी अत्युक्ति हो जाती। समाजवादियो और पूंजीवादियोके द्वारा धर्मका विरोध करने में जो भेद है वह ऐमा करनेसे मिट जाता।" यहां यह बात जाननेकी है कि पूंजीवादी लोग भी अपना काम निकालने- के लिये समय-समयपर धर्मका विरोध करते है। उस समय जर्मनीमें विस्मार्कने ऐसा ही किया था । जार भो यहूदियोका विरोध करता था और हिटलर भी। मगर उनका मतलव तो दूसरा ही होता है । या तो उन्हें दिमागी दुनियाकी कुश्ती लडनेका शौक होता है, या वे ख्यातिके लिये ही ऐसा करते है, या ऐसा करनेसे उनका कोई दुनियावी मतलव सिद्ध होता है। वर्गसंघर्षकी दृष्टिसे वे ऐसा काम हगिज नहीं करते। भले ही सैद्धान्तिक दृष्टिसे करते हो। विपरीत इसके साम्यवादी लोग वर्गसंघर्षकी ही दृष्टिसे उसका विरोध करते है । मगर कोरे वाद-विवाद
पृष्ठ:गीता-हृदय.djvu/१३४
दिखावट