पृष्ठ:गुप्त-निबन्धावली.djvu/९३

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गुप्त-निबन्धावली चरित-चर्चा शांत प्रकृतिका और दयावान मनुष्य था, पर बादशाहकी आज्ञासे मजबूर था। मो उसने मुमलमानोंके मिवा मबपर जजिया लगा दिया। अंग्रेजों और अन्य यूरोपियन जातियोंपर भी यह कर लगाया गया, पर उन्होंने बहुतसे घोड़े और बहुमूल्य नज़र देकर अपना पीछा छुड़ाया। इसी मम्बन्धमें हिन्दुओंके अनेक मंदिर नष्ट किये गये और गय मल्लिकचन्द्र नामक एक प्रतिष्ठित हिन्द कंद भी किया गया। इन मब वातांस औरंगजेबसे लोग घृणा करने लगे। ___ इमी ममय ईस्टइण्डिया कम्पनीका व्यापार बहुत बढ़गया था। एक बादशाही फरमानके द्वारा उन्हें व्यापारमं पूरी म्वतंत्रता मिल गई थी। पर इमी समय उनके व्यापारमें बाधा डालनेवाले कुछ व्यापारी पैदा होगये, जो छिप-छिपाकर अपना माल देशके अन्दर पहुँचाते थे। इनको रोकनेक लिये औरंगजेबने भागीरथीक मुहानेपर एक किला बनानेका विचार किया। शाइस्तान्वाँसे इम बातकी आज्ञा मांगी गई। पर उमने यह देखकर कि किला बनाते ही अंग्रेज कुल नदीपर अपना अधि- कार जमा मकंगे, ऐसी आज्ञा न दी और किला बनानेसे मनाकर दिया। इसी ममय पटनेमें कुछ गड़बड़ और बलवा हो गया था। पटनेवाली अंग्रेज कोठीके एजेण्ट पर इस गड़बड़मं शरीक होनेका मन्देह था। शाइ- म्ताग्वां यह सुनतेही अंग्रजोसे नागज होगया । उमने अंग्रेजोंके मालपर बहुत कड़ा महसूल लगा दिया। नवाबकी नागजी देवकर कुल शाही नौकर अंग्रेजोंको मताने लगे। कमिमबाजारकं फौजदारने वहाँक एजेण्टसे कहला भेजा कि जो डढ़ लाग्ब रुपये जुलाहोंको तुम्हें देने हैं, वह छोड़दो और ४३ हजार रुपये और दो । पर अंग्रजोंने यह स्वीकार नहीं किया। औरंगजेब यह मब बात शाइस्ताखांसे सुनकर बहुत नाराज़ हुआ। इस नाराजीका परिणाम यह हुआ कि कुल अंग्रेजी व्यापार नितर बितर होगया और अंग्रजोंको भारी हानि पहुंची। [ ]