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सांसारिक प्रेम और देश-प्रेम
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कहते उसकी आँखें भीग गयीं। मैग्डलीन ने रोकर कहा-जोजेफ़! और मुँह से कुछ न निकला।

दोनों खामोश कई मिनट तक रोते रहे। आखिर मैजिनी बोला—तुम यहाँ कब आयीं, मेगा?

मैग्डलीन—मैं यहाँ कई महीने से हूँ, मगर तुमसे मिलने की कोई सूरत नहीं निकलती थी। तुम्हें काम-काज में डूबा हुआ देखकर और यह समझकर कि अब तुम्हें मुझ जैसी औरत की हमदर्दी की ज़रूरत वाकी नहीं रही, तुमसे मिलने की कोई जरूरत न देखती थी। (रुककर) क्यों जोजेफ़, यह क्या कारण है कि अक्सर लोग तुम्हारी बुराई किया करते हैं? क्या वह अंधे हैं, क्या भगवान ने उन्हें आँखें नहीं दी?

जोजेफ़—मेगा, शायद वह लोग सच कहते होंगे। फिलहाल मुझमें बह गुण नहीं हैं जो मैं शान के मारे अक्सर कहा करता हूँ कि मुझमें हैं या जिन्हें तुम अपनी सरलता और पवित्रता के कारण मुझमें मौजूद समझती हो। मेरी कमजोरियाँ रोज़-ब-रोज़ मुझे मालूम होती जाती हैं।

मैग्डलीन—जभी तो तुम इस काबिल हो कि मैं तुम्हारी पूजा करूँ। मुबारक है वह इन्सान जो खुदी को मिटाकर अपने को हेच समझने लगे। जोजेफ़, भगवान के लिए मुझे इस तरह अपने से मत अलग करो। मैं तुम्हारी हो गयी हूँ और मुझे विश्वास है कि तुम वैसे ही पाक-साफ़ हो जैसा हमारा ईसू था। यह खयाल मेरे मन पर अंकित हो गया है और अगर उसमें जरा कमजोरी आ गयी थी तो तुम्हारी इस वक्त की बातचीत ने उसे और भी पक्का कर दिया। वेशक तुम फ़रिश्ते हो। मगर मुझे अफ़सोस है कि दुनिया में क्यों लोग इतने तंग-दिल और अंधे होते हैं और खासतौर पर वह लोग जिन्हें मैं तंग खयाल से ऊपर समझती थी। रफ़ेती, रसा-रीनो, पलाइनो, बर्नाबास यह सब के सब तुम्हारे दोस्त हैं। तुम उन्हें अपना दोस्त समझते हो, मगर वह सब तुम्हारे दुश्मन हैं और उन्होंने मुझसे मेरे सामने सैकड़ों ऐसी बातें तुम्हारे बारे में कही हैं जिनका मैं मरकर भी यकीन नहीं कर सकती। वह सब ग़लत झूठ बकते हैं, हमारा प्यारा जोजेफ़ वैसा ही है जैसा मैं समझती थी बल्कि उससे भी अच्छा । क्या यह भी तुम्हारी एक जाती खूबी नहीं है कि तुम अपने दुश्मनों को भी अपना दोस्त समझते हो?

जोजेफ़ से अब सब्र न हो सका। मैग्डलीन के मुरझाये हुए पीले-पीले हाथों को चूमकर कहा—प्यारी मेगा, मेरे दोस्त बेक़सूर हैं और मैं खुद दोषी हूँ। (रोकर)