पृष्ठ:गोरख-बानी.djvu/१६

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भूमिका (C) (%) (C) (%) () (a) () (*) १७१५ १७४३ १७६४१८५२ १८५५ 8 8 3 २०. जाती भौंरावली (छंद गोरस) २१. नवग्रह २२. नवरात्र २३. श्रष्ट पारछया २४. रह रास २५. ग्यानमाला २६. आत्माबोध (२) २७.व्रत २८. निरंजन पुराण स स २६. गोरख वचन ३०. इंद्री देवता ३१. मूल गर्भावली ३२. खाणी वायी ३३. गोरख सत ३४. भष्ट मुद्रा .३५. चौवीस सिधि ३६. पटक्षरी ३७. पंच अग्नि ३८. श्रष्टचक्र ३६. अबलि सिलूक ४०, काफिर बोध हिंदी के अन्यों की हस्तलिखित प्रतियां बहुत प्राचीन नहीं मिलती । जो कुछ मिलती है विक्रम को सत्रहवी अठारहवीं शती के इधर की ही है। रमते जोगियों की बानी के प्राचीन हस्तलेखों का न मिलना भी कोई अचरज की बात नहीं । क्योंकि वे चेलों और अनुयायियों के जीम कान होती हुई भाई होंगी ! आखिर बानी ही ठहरी । ऊपर की साखी को देखने से पता चलेगा कि कोई भी दो प्रतियां आपस में सर्वथा मेल नहीं खाती । श्रुति-परंपरा से होती पाती हुई इन