पृष्ठ:गोर्की की श्रेष्ठ रचनाएँ.djvu/१३९

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मोचीया की लड़को यातें करना शुरू कर दिया । मैंने देखा कि तुम बहुत परेशान हो रहे थे । मुझे यह शक था कि तुम भी धात्महत्या करने पाए हो ..... " प्रतिदिन ऐसा होता है- - मनुष्य अपने को गोली मार लेते है, फांसी लगा लेते है .. " उसने अब भी अविश्वास करते हुए उसको बातें सुनी और मनमें सोचने लगा । _ याहर गई ... " इसलिए पास श्राई " ज्यादा वातून नहीं है ? यह श्राकर्पक नहीं..... " और वह लठकी उसी तरह संक्षेप में चोलती गई । वह मोडचीया की रहने वाली थी । उसका सानदान साता पीता था । उसने शिक्षा भी पाई थी जिले के स्कूल में । एक श्राग ने खानदान को तबाह कर दिया । उसका बाप जमोन इदने के लिये साइवेरिया गया और फिर कभी लौटकर नहीं पाया । वह रेलवे स्टेशन पर नौकर होगई और यहाँ तीन साल रही । स्टेशन मास्टर का एक भाई था । वह वहाँ तार बाबू का काम करता था । " जब तुम बात करते हो तो मुझे उसकी याद श्रा जाती है । " अपनो हल्की पलकों से ऑपो को बन्द करते हुए उसने विश्वासपूर्वक दुहराया : " हाँ, विलकुल उसकी तरह । " " यह कहाँ है ? " पावेल ने पूछा । "यह गिरफ्तार होगया । " उसको नाराज़ में दुग्म की ध्वनि नहीं थी , परन्तु उसने अजीब दाद में गर्दन मोही जिसमे उसको गाल को हटियाँ खिची और उसका चेहरा एम तरह लिपुर गया ये भोग्ने से पहले दुने का मिपुर जाता है । पारेल ने एल दाव पर देर तक ध्यान नहीं दिया कि उसका यकीन फिगर या नहीं - यह इस बारे में सोचना भी नही चाहना था । अचानक टन लरकी ने जार में कहा